फसल नष्ट होने के सदमे में हृदयघात से किसान की मौत

जिले में ओलावृष्टि से वर्वाद हो गई थी किसान की फसल

भिण्ड, 14 जनवरी। जिले के दबोह क्षेत्र के ग्राम जगदीशपुरा में एक किसान अपनी ने फसल पर हुई ओलावृष्टि से फसल को वर्वाद देख अपना दम तोड़ दिया। ग्राम जगदीश पुरा में सेचाराम दोहरे उम्र 49 वर्ष की गुरुवार को हृदयगति रुक जाने से मौत हो गई है।


जानकारी के अनुसार कृषक सेवाराम दोहरे की माता जी का गत आठ जनवरी को निधन हो गया था। उसके पश्चात नौ जनवरी को ओलावृष्टि होने से किसान सेवाराम की सरसों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई थी। वह बहुत गरीब व्यक्ति थे, जबसे ओलाबृष्टि हुई तभी से वह बहुत चिंतित एवं दुखी थे। सेवाराम के एक पुत्र व एक पुत्री है एवं उनके पास केवल 2.5 बीघा जमीन है, उसे भी वह कर्ज लेकर जोतते थे। वह मजदूरी कर अपने बच्चों का भरण पोषण करते थे। परिवारजनों के अनुसार किसान सेवाराम दोहरे पुत्र भोगीराम दोहरे निवासी जगदीशपुरा गुरुवार की सुबह करीब सात-आठ बजे अपने खेत पर फसल देखने पहुंचे थे। यहां उनके ढाई बीघा खेत में खड़ी सरसों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी थी। वर्वादी का मंजर देखने के दौरान ही सेवाराम दोहरे बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। ऐसे में आसपास खेतों पर काम कर रहे लोग बेहोशी की हालत में घर ले गए, बाद में चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।


यहां बता दें कि पिछले दिनों दबोह तथा उसके आसपास ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी जिसमे जगदीशपुर में फसलों की भारी तबाही हुई थी। जिसका मुआयना करने भिण्ड कलेक्टर व एसडीएम मौके पर पहुंचे थे और जल्द से जल्द नष्ट फसल का मुआवजा दिलाने की बात कही थी, परंतु अब तक किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका। फिलहाल तो इतनी बड़ी घटना होने के बाद अब तक उनके पास कोई भी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचे हैं।

कर्ज व बेटे की शादी को लेकर था परेशान

मृतक किसान सेवाराम दौहरे एसबीआई के कृषक क्रेडिट कार्ड से लिए ऋण के अलावा बिजली बिल चुकाने के अलावा बेटे की शादी को लेकर चिंताग्रस्त था। जिसके चलते वह आए दिन परेशान रहते थे और फिर ऐसे में ही क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि व बारिश की वजह से उनकी 2.5 बीघा फसल चौपट हो गई, जिसका सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सके। मृतक किसान सेवाराम ने चार साल पूर्व अपनी बेटी का विवाह करने के लिए एसबीआई से केसीसी पर 50 हजार रुपए ऋण लिया था। लगातार तीन साल से फसल बिगडऩे के कारण वह ऋण चुकता नहीं कर पाया। लिहाजा केसीसी ऋण राशि बढ़कर 76 हजार हो गई। इतना ही नहीं बिजली बिल के रूप में भी उस पर करीब 20 हजार रुपए का बकाया बताया जा रहा है।

इनका कहना है-

चाचा जी ने नष्ट हुई फसल को देखकर अपना दम तोड़ दिया, साथ ही फसल भी चौपट हो गई, अब क्या होगा।
कौशल किशोर (मृतक किसान का भतीजा)