नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल की सजा

न्यायालय ने लगाया 50 हजार का जुर्माना

शाजापुर, 13 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर के न्यायालय ने आरोपी करण सिंह पुत्र प्रभुलाल उम्र 20 वर्ष निवासी हापाखेड़ा, थाना सुंदरसी, जिला शाजापुर को धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना से दण्डित किया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी भुगताए जाने के आदेश दिए गए हैं।
सहायक जिला मीडिया प्रभारी/ अतिरिक्त डीपीओ शाजापुर रमेश सोलंकी ने बताया कि पांच दिसंबर 2019 को पीडि़ता की मां ने थाना सुंदरसी पर पीडि़त बच्ची को साथ ले जाकर रिपोर्ट लिखाई कि उक्त दिनांक को दिन के लगभग 12:30 बजे उसकी नाबालिग बेटी और वह बकरी चराने के लिए गई थीं। पीडि़ता की मां शाम को चार बजे उसके छोटे बच्चे को दूध पिलाने के लिए घर आ गई थी और उसकी नाबालिग बेटी को खेत में बकरी चराने के लिए छोड़ आई थी। जब पीडि़ता की मां बच्चे को दूध पिलाकर वापस खेत पर गई तो उसकी नाबालिग बेटी ने उसको बताया कि, वह मिट्टी के टेकरे पर बैठी थी, तभी करण सिंह बकरी चराते हुए आया और उसका हाथ पकड़कर तुअर की फसल की आड़ में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट पर से पुलिस थाना सुंदरसी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा पीडि़ता व आरोपी का डीएनए परीक्षण करवाया गया, डीएनए रिपोर्ट जांच उपरांत सकारात्मक आई। संपूर्ण विवेचना उपंरात अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में आरोपी के विरुद्ध प्रस्तुत किए जाने पर अभियोजन की ओर से पैरवीकर्ता डीडीपी शाजापुर सुश्री प्रेमलता सोलंकी, डीपीओ देवेन्द्र कुमार मीना एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रमेश सोलंकी ने गवाह कराए। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अंतिम तर्क पैरवीकर्ता अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी शाजापुर रमेश सोलंकी द्वारा किए गए। जिनके तर्कों, अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए दण्डित किया है।