– फरियादिया को दस हजार रुपए प्रतिकर सहायता देने का आदेश
ग्वालियर, 06 अगस्त। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ग्वालियर शिवानी सैनी की अदालत ने वसीयत के बहाने रजिस्ट्री कराने वाले आरोपीगण दामोदर पुत्र भोजराज शुक्ला उम्र 75 वर्ष, अन्नपूर्णा पत्नी दामोदर शुक्ला उम्र, 70 वर्ष, भूपेन्द्र उर्फ हुण्डा पुत्र दामोदर शुक्ला उम्र 40 वर्ष, मीरा पत्नी भूपेन्द्र उर्फ हुण्डा उम्र 40 वर्ष, अनीता पत्नी स्व. विजय कुमार शुक्ला उम्र 35 वर्ष निवासीगण ग्राम सिरसौद, हस्तिनापुर जिला ग्वालियर, हाल निवासी अल्पना टाकीज मुरार ग्वालियर को धारा 420 भादंसं में दो वर्ष के साधारण कारावास एवं चार हजार रुपए अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में दो माह का साधारण कारावास से दण्डित किया है। साथ ही फरियादी को दस हजार रुपए प्रतिकर दिए जाने का निर्णय सुनाया है।
एडीपीओ अभय प्रताप सिंह राठौर के अनुसार प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया सुनीता शर्मा के पति भारतीय सेना में नायक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, उसने मुरार में एक प्लाट लेकर मकान बनवाया था तथा उसे उसकी ससुराल से जमीन मिली थी और उसके स्वयं के पास लगभग 12 तोला सोने के जेवरात थे। फरियादिया के पति का निधन 25 फरवरी 2010 को हुआ था। उसके कोई औलाद नहीं थी। पति के निधन के पश्चात उसे कैंसर होने से रिश्ते के चाचा दामोदर शुक्ला, चाची अन्नपूर्णा शुक्ला, चचेरे भाई टुण्डा उर्फ भूपेन्द्र, चचेरे भाई विजय शुक्ला एवं मीरा तथा अनीता ने फरियादी के घर पर आकर कहा कि वे उसकी देखभाल करेंगे, तो फरियादिया उनकी बातों में आ गई। कुछ समय बाद अभियुक्तगण ने षडयंत्र कर फरियादिया से कहा कि कैंसर की बीमारी है और कैंसर के मरीज की मौत भी हो सकती है और उसके मरने के पश्चात विवाद हो सकता है, इसलिए वसीयत कर दो, फरियादिया के मरने के बाद वारिस के संबंध में कोई विवाद नहीं होगा। फरियादिया को वसीयत करने की कहकर ले गए और उसके साथ धोखाधडी कर चचेरे भाईयों ने अपनी-अपनी पत्नियों के नाम एक लाख रुपए मात्र में उसके मकान की धोखाधडी करके रजिस्ट्री करवा ली। फिर अनीता ने मीरा को साढे सात लाख रुपए में रजिस्ट कर दी और बाद में एक अन्य व्यक्ति को 12 लाख रुपए से ज्यादा की राशि में मकान बेच दिया। जब वो व्यक्ति फरियादिया सुनीता से मकान खाली कराने आया तो उसे पता लगा की आरोपीगण ने वसीयत की कहकर एक लाख रुपए में उसके मकान को धोखे से खरीद लिया है। फरियादिया सुनीता के लिखित शिकायती आवेदन के आधार पर थाना मुरार जिला ग्वालियर में अभियुक्तगण के विरुद्ध अपराध क्र.404/13 अंतर्गत धारा 420, 406, 294, सहपठित धारा 506 भारतीय दण्ड संहिता पंजीबद्ध कर प्रकरण अनुसंधान में लिया गया। अनुसंधान के दौरान फरियादी की निशानदेही पर घटना स्थल का मानचित्र तैयार कर साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। अभियुक्तगण को गिरफ्तार किया गया। शेष आवश्यक अन्वेषण पूर्ण कर अभियोग पत्र 27 फरवरी 2015 को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर से न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाकर प्रकरण आरसीटी क्र.1473/15 पर दर्ज किया गया।
विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। जब्ती पत्रक बनाया गया तथा साक्षीगण के कथन अंकित किए गए एवं अन्य कार्रवाई की गई। बाद विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। संपूर्ण विचारण के दौरान शासन की ओर से पक्ष रख रहे एडीपीओ अभय प्रताप सिंह राठौर ने न्यायालय के समक्ष साक्ष्य एवं तर्कों के माध्यम से सिद्ध किया कि व्यक्ति झूठ बोल सकते हैं, लेकिन घटनाएं झूठ नहीं बोलतीं और प्रकरण में बाईक से भी कम कीमत पर फरियादिया के मकान की रजिस्ट्री करा लेना बताता है कि आरोपीगण ने फरियादी सुनीता के साथ धोखाधडी करते हुए उसके मकान की गलत रजिस्ट्री कराई है। उक्त तर्कों एवं साक्ष्य से सहमत होकर ही न्यायालय जेएमएफसी शिवानी सैनी ने आरोपीगण को धारा 420 भादंसं में दो वर्ष के साधारण कारावास एवं चार हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।