– समग्र ग्राम विकास की रीढ हैं प्रस्फुटन समितियां : धर्मेन्द्र सिसोदिया
– एक पेड मां के नाम अभियान अंतर्गत रोपे पौधे, डॉक्टर्स डे पर आयोजित सम्मान कार्यक्रम में हुए शामिल
– मप्र जन अभियान परिषद के ग्वालियर और चंबल संभाग के प्रभारी ने गोहद, मेहगांव और भिण्ड की समितियों के साथ की बैठक
भिण्ड, 02 जुलाई। प्लास्टिक और केमिकल समाज के लिए जहर है हमें इससे समाज को बचाना होगा, गांव में हरियाली के साथ-साथ समरसता का भाव जगह यह भी कार्य जन जागरूकता के माध्यम से करना होगा तभी समग्र ग्राम विकास की अवधारणा साकार हो सकेगी। यह बात मप्र जन अभियान परिषद ग्वालियर और चंबल संभाग के प्रभारी अमिताभ श्रीवास्तव ने कही। वे भिण्ड जिले के एक दिवसीय प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने गोहद मेहगांव और भिण्ड जिले की गठित समितियां के साथ बैठक की, जनसूचना केन्द्र, संस्कार केन्द्र की अवधारणा को समझाया, नर्सरी निरीक्षण किया और समितियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए साथ ही नवांकुर संस्था नवजीवन सहायता संगठन द्वारा आयोजित डॉक्टर्स डे के डॉक्टर सम्मान कार्यक्रम में भी भागीदारी की। जिला कार्यालय का निरीक्षण और विकास खण्ड समन्वयकों के साथ समीक्षा बैठक भी आयोजित की।
मप्र जन अभियान परिषद जिला भिण्ड में अपने एक दिवसीय प्रवास के ग्वालियर चंबल संभाग के प्रभारी अमिताभ श्रीवास्तव ने गोहद विकास खण्ड के छीमका, बिरखडी, मेहगांव विकास खण्ड के गिंगरखी और देवरी तथा भिण्ड विकास खण्ड में नगर विकास प्रस्फुटन समिति और नवांकुर संस्था नवजीवन सहायतार्थ संगठन के कार्यों का अवलोकन किया। उनके मुख्य आतिथ्य में नवांकुर संस्था नवजीवन सहायतार्थ संगठन ने डॉक्टर्स सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें भिण्ड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस यादव, मप्र जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक धर्मेन्द्र सिसोदिया, वरिष्ठ समाजसेवी केशव पांडेय, नवजीवन सहायतार्थ संगठन की संस्थापिका नितेश जैन उपस्थित थीं। इस दौरान 70 से अधिक डॉक्टर्स का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में अमिताभ श्रीवास्तव और संभाग समन्वयक धर्मेन्द्र सिसोदिया का भी सम्मान किया गया। अमिताभ श्रीवास्तव ने उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया।
गोहद और मेहगांव विकास खण्ड में प्रस्फुटन समितियां को मार्गदर्शन देते हुए अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा कि आपके अधिकतर कार्य समाज के प्रति होने चाहिए। सरकार के प्रति कार्य करने के लिए तमाम विभाग मौजूद हैं, यदि आप इस अवधारणा को मन में धारण करके कार्य योजना बनाएंगे तो अपने ग्राम में एक बेहतर समिति का निर्माण कर पाएंगे। यह समिति किसी विशेष जाति, वर्ग, समुदाय, संगठन या व्यक्ति की नहीं बल्कि ग्राम में निवास करने वाले समस्त समाज की होगी। इस समिति द्वारा संचालित संस्कार केन्द्र में हम बच्चों को खोते हुए संस्कारों के बारे में बताएंगे और उन्हें जागरुक करेंगे। जिससे उनके अंदर समाज के प्रति सकारात्मक भाव पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि मप्र जन अभियान परिषद संपूर्ण प्रदेश में इन समितियां के माध्यम से ग्राम में फैली हुई कुरीतियां को संस्कारों और विकारों को दूर करने का माध्यम उक्त समितियां बने यह प्रयास सभी का होना चाहिए। हम कई छोटे-छोटे उपादयों से शुरुआत कर सकते हैं, मान लीजिए ग्राम में यदि हमने एक बर्तन बैंक का निर्माण कर लिया तो फिर आने वाले दिनों में ग्रामों में होने वाले कई कार्यक्रम में हम उन्हें बहुत कम शुल्क पर यह सेवाएं देंगे। इस दौरान श्रीवास्तव ने ग्राम में गठित होने वाली समितियां के बारे में विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश विकास खण्ड समन्वयकों को जिला समन्वयक और विकास संभाग समन्वयक को दिए। उन्होंने जिला कार्यालय का निरीक्षण भी किया और विकास खण्ड समन्वयकों के साथ पृथक-पृथक बैठक कर आगामी रणनीति पर चर्चा भी की। उन्होंने आने वाले दिनों में लीडरशिप प्रोग्राम के अंतर्गत संचालित बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू के एडमिशन को लेकर भी विशेष रणनीति बनाकर कार्य करने की सलाह समस्त परिषद की इकाई को दी। इस दौरान संभाग समन्वयक धर्मेन्द्र सिसोदिया ने भी अपने विचार रखे और आवश्यक सुझाव भी दिए। प्रवास के दौरान दी गई जानकारी और मार्गदर्शन के लिए जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह ने अधिकारीद्वय का आभार व्यक्त किया।