भिण्ड, 25 जून। भारतीय जनता पार्टी गोहद द्वारा बरथरा रोड नालंदा स्कूल में आपातकाल का काला दिवस मनाते हुए कांग्रेस की निंदा की। व पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मण्डल अध्यक्ष बृजकिशोर भटेले का भाजपा कार्यकर्ताओं ने सम्मान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मडल अध्यक्ष विवेक जैन, मंच संचालन महामंत्री आशीष शर्मा व आभार व्यक्त कार्यक्रम प्रभारी मण्डल उपाध्यक्ष संतोष राठौर ने किया।
मण्डल अध्यक्ष विवेक जैन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजकिशोर भटेले ने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए कहा कि मैंने संतोषीलाल बांदिल व बंगालीमल जैन के नेतृत्व में उन दिनों पार्टी का कार्य किया था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इन्दिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को प्रतिबंधित कर दिया गया। क्योंकि माना गया कि यह संगठन विपक्षी नेताओं का करीबी है तथा इसका बड़ा संगठनात्मक आधार सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने की संभावना रखता था। पुलिस इस संगठन पर टूट पड़ी और उसके हजारों कार्यकर्ताओं को कैद कर दिया गया। आरएसएस ने प्रतिबंध को चुनौती दी और हजारों स्वयं सेवकों ने प्रतिबंध के खिलाफ और मौलिक अधिकारों के हनन के खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया। सभी विपक्षी दलों के नेताओं और सरकार के अन्य स्पष्ट आलोचकों के गिरफ्तार किए जाने और सलाखों के पीछे भेज दिये जाने के बाद पूरा भारत सदमे की स्थिति में था। आपातकाल की घोषणा के कुछ ही समय बाद, सिख नेतृत्व ने अमृतसर में बैठकों का आयोजन किया जहां उन्होंने ‘कांग्रेस की फासीवादी प्रवृत्ति’ का विरोध करने का संकल्प किया। देश में पहले जनविरोध का आयोजन अकाली दल ने किया था जिसे ‘लोकतंत्र की रक्षा का अभियान’ के रूप में जाना जाता है। इसे नौ जुलाई को अमृतसर में शुरू किया गया था। आपातकाल लागू करने के लगभग दो साल बाद विरोध की लहर तेज़ होती देख प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकसभा भंग कर चुनाव कराने की सिफारिश कर दी। चुनाव में आपातकाल लागू करने का फैसला कांग्रेस के लिए घातक साबित हुआ। खुद इन्दिरा गांधी अपने गढ़ रायबरेली से चुनाव हार गईं। जनता पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। संसद में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 350 से घट कर 153 पर सिमट गई और 30 वर्षों के बाद केन्द्र में किसी गैर कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ। कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ओमप्रकाश कुशवाह, अर्चना शर्मा, रामसिया जाटव, विद्यराम शेजवार, विनोद माहोर, सौरभ पांडेय, जुगल सोनी, ललित अग्रवाल, प्रमोद कामत, रामप्रसाद कुशवाह, सुमन गुप्ता, राम भटेले, विक्रम यादव, विनोद श्रीवास्तव, महावीर शर्मा, राधेश्याम गौड़, धर्मेन्द्र गुर्जर, पिंकी सगर, दिनेश श्रीवास, धर्मेन्द्र दुबे, रिंकू भटेले, राजेश नागर, राजेन्द्र गुप्ता, दशरथ घुरैया, नारायण प्रजापति, हरिओम भटेले उपस्थित रहे।
मौ में काला दिवस मनाया गया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर मण्डल मौ में काला दिवस कार्यक्रम संपन्न हुआ और मीसा बंदियों को सम्मान व याद किया गया। जिसमें हम सबके बीच जिले से पधारे पूर्व कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन केपी सिंह भदौरिया, सिंह कुशवाह रघुवीर सिंह पवैया, हरनारायण कुशवाह, सज्जन यादव, रामअख्त्ययार गुर्जर, मिश्री कुशवाह, दीपक यादव अन्य कार्यकर्ता थे।