जिस भूमि पर भागवत कथा होती है वह पावन हो जाता है : श्रीराम महाराज

-सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन

भिण्ड, 13 मार्च। शहर के चतुर्वेदी नगर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का गुरुवार को समापन हो गया। अंतिम दिन सरस कथा वाचक पं. श्रीराम महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया।
उन्होंने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही, जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। इसके साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं।
उन्होंने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र को विपत्ति में साथ दें। उसे अपने से नीचा रखने के बजाय समकक्ष बनाने का प्रयास करें। मित्रता का अर्थ स्वार्थ नहीं बल्कि सहयोग और समर्पण होना चाहिए। श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्तों का विशाल सैलाब पुलिस लाइन हनुमान मन्दिर परिसर में कथा स्थल पर उमडा। वहीं कथा के समापन अवसर पर व्यास गद्दी से कथा प्रवक्ता पं. श्रीराम महाराज ने होली की सभी को अग्रिम बधाई शुभकामनाएं दी। इस दौरान जमकर फूल और गुलाल की कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं ने जमकर होली खेली व नृत्य कर भक्ति में सराबोर नजर आए।
कथा के परीक्षित वसुधा अरविंद तिवारी (एमपी पुलिस) रहे, जिन्होंने व्यास गद्दी का पूजन कर भागवत कथा की आरती की। कथा के संयोजक संत 108 अडगडानंद जी, शिवराम शर्मा उर्फ पंडा, चौधरी कन्हैयालाल त्रिपाठी, लला पार्षद, संतोष हिन्नारिया एडवोकेट, डीडी दीक्षित, डॉ. डीके शर्मा, दशरथ मूढ़ोतिया, विपिन गुप्ता, राजाराम गुप्ता एवं पुलिस लाइन हनुमान मन्दिर के सभी भक्तगण एवं महिला मंडल। इन सभी के सहयोग से विशाल भंडारे का भी आयोजन किया, जिसमें हजारों लोगों ने होली की पूर्णिमा के अवसर पर प्रसादी ग्रहण की।