कामाक्षा देवी मन्दिर पर आयोजित हो रही शिव महापुराण की कथा

भिण्ड, 07 फरवरी। जिसे भगवान का प्रेम प्राप्त हो, वह भाग्यशाली है। भगवान भोले क्रोधी होने के साथ-साथ अपने भक्तों पर सबसे जल्दी प्रसन्न भी होते हैं। यह बात आलमपुर के कामाक्षा देवी मन्दिर पर अग्रवाल परिवार द्वारा करवाई जा रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कथाव्यास पं. कमलाकांत अरजरिया द्वारा श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए कही।
कथा व्यास पं. कमलाकांत अरजरिया ने कहा कि भगवान के विषय में जानने के लिए जो जिज्ञासु हो, वह भाग्यवान है। हम लोग जिस कलयुग में जी रहे हैं, इस युग में बडे-बडे महात्माओं ने गहरा चिंतन किया है। जो भक्ति को धारण करता है, वह कलयुग के प्रभाव से बच जाता है। जीवन में तीन ताप परेशान करें तो भगवान के निकट पहुंच जाएं, जिससे हमें तीनों ताप से छुटकारा मिलता है। उन्होंने कहा कि तब तक कलयुग के पाप परेशान करेंगे जब तक शिवपुराण हमारे जीवन में शामिल ना हो जाए, यही शिवपुराण की महिमा है। भगवान शंकर की मंगल राशि है, उनका नाम और ध्यान भी मंगलमय है। शिव जैसा समान दृष्टा कौन होगा, महादेव दैत्य एवं देवों के लिए सदा कृपावंत रहते हैं। भगवान शिव काल के ऊपर हैं। वह अजर-अमर हैं उनको वृद्धावस्था छूती तक नहीं है। भगवान शिव की महिमा का बखान करते हुए कथाव्यास ने कहा कि भगवान शिव विनोदशील है। वह सदैव प्रसन्न रहते हैं। मनस्थिति ऐसी हो कि परिस्थिति कभी प्रभावित नहीं करें क्योंकि शिव जीवन शैली में विरोधाभास होने पर भी प्रसन्न रहते हैं।