मनुष्य का जीवन बिना ब्रेक की साइकिल की तरह होता है : विध्रुव सागर

भिण्ड, 14 सितम्बर। चिंतामणि 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन बडा मन्दिर मेहगांव में चतुर्मास चल रहा है। इस अवसर पर आचार्य 108 विमर्श सागर महामुनिराज के आशीर्वाद से श्रवण मुनि 108 विध्रुव सागर महाराज के सानिध्य में एवं आयुष जैन शास्त्री मेहगांव के सहयोगी प्रसू जैन शास्त्री सांगानेर के साथ कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
उत्तम संयम के दिन शनिवार को मुनि विध्रुव सागर ने बताया कि मनुष्य का जीवन एक बिना ब्रेक की साइकिल की तरह होता है, अगर साइकिल में ब्रेक ना हो तो वह व्यर्थ है, इस तरह मनुष्य के जीवन में संयम नहीं होता तो उसका जीवन व्यर्थ होता है। इस मौके पर मेहगांव नगर में पहली बार श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें करीबन 35 युवा लोगों ने मुण्डन कराकर अष्टमुलु गुण व्रत धारण किए एवं श्रावक संस्कार व्रत धारण किए। इस अवसर पर सभी बालिका मण्डल, महिला मण्डल, युवा मण्डल, पुरुष मण्डल, चातुर्मास कमेटी एवं मन्दिर कमेटी सकल दिगंबर जैन समाज मेहगांव उपस्थित रहे। सभी ने अपना अपना सहयोग प्रदान किया।