इस कलिकाल में भगवत चिंतन ही प्रसन्न रहने का उपाय : आचार्य प्रशांत

गणेश महोत्सव में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 21 सितम्बर। गणपति महोत्सव के अंतर्गत श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पुरानी गल्ला मण्डी भिण्ड में वृंदावन से पधारे कथा प्रवक्ता आचार्य प्रशांत तिवारी ने महाभारत की कथा श्रवण कराते हुए भक्तों को बताया कि जीव भवाटवी में तब तक भटकता है, जब तक प्रभु की शरण ग्रहण नहीं करता है। मां कुंती के जीवन में अनेक दुख आए पर पूर्ण भरोसा विश्वास गोविन्द पर था, तो हर कठिन परिस्थिति में प्रभु पाण्डवों के सहायक बने। इसी प्रकार हर जीव को प्रभु स्मरण, चिंतन, भजन, पूजा-पाठ हर स्थिति में करते रहना चाहिए, नारायण हर जीव की सहायता करते हैं। इसी के साथ राजा परीक्षित को श्राप लगा, मुक्ति के हेतु शुकदेव जी के आगमन पर द्वितीय दिवस की कथा विराम हुई।
कथा में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रविसेन जैन, जिला उपाध्यक्ष अनिल कटारे, बीजेपी नेता अर्पित मुदगल ने व्यास पीठ की आरती की। इस अवसर पर कथा में परीक्षित शकुंतला-डॉ. महेशदेव मुदगल, धर्मेेन्द्र चतुर्वेदी, अनिल शर्मा, दिनेश धमोले, सीताराम पुरोहित, प्रदीप तिवारी, रामबाबू समाधिया, छुटंकी समाधिया समेत श्रोता समुदाय एवं मातृशक्ति ने कथा श्रवण आनंद लिया।