सावधान : कलेक्ट्रेट की कैन्टीन मिल रहे हैं दूषित खाद्य पदार्थ

भिण्ड में सबसे महंगे खाद्य पदार्थों में अव्वल है यह सरकारी कैन्टीन

भिण्ड, 25 दिसम्बर। कलेक्ट्रेट में स्थित मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ की शासकीय कैन्टीन में मिलने वाले खाद्य पदार्थ महंगाई में आसमान छू रहे हैं। सरकारी कैन्टीन होने के बावजूद भी खाद्य पदार्थ बाजार की तुलना में दोगुने महंगे हैं। इसके अलावा मिलने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता भी बेहद घटिया है, खराब हो चुके उत्पादों का उपयोग करके ये खाद्य पदार्थ तैयार कर कलेक्ट्रेट में आने वाले लोगों को औने पौने दामों में देते हैं। यही कारण है कि कलेक्ट्रेट से नाश्ता करके निकले कई लोग घर न पहुंचकर अस्पताल पहुंच जाते हैं और पेट संबंधित बीमारियों का इलाज कराते हैं।


ज्ञात हो कि भिण्ड कलेक्ट्रेट में मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ की सरकारी कैन्टीन है, यहां मिलने वाला समोसा 15 रुपए में एक नग मिलता है, वहीं बाजार में 15 रुपए में दो नग समोसा मिलते हैं, इसी तरह बाजार में मिलने वाली सात रुपए की गुजिया इस कैन्टीन में 10 रुपए में दी जाती है। यहां चाय भी घटिया स्तर के उत्पादों से मिलकर तैयार की जाती है साथ ही चाय में जो दूध मिलाया जाता है वह भी केमिकल युक्त दूध है। जिसे पीकर आमजन की हालत खराब हो जाती है।

खुले रखे रहते हैं खाद्य पदार्थ

भिण्ड में धूल और गंदगी से जनता भलीभांति परीचित है। कलेक्ट्रेट की इस सरकारी कैन्टीन में दूध, चाय, गुजिया, समोसे, लड्डू, आदि खाद्य पदार्थ दिनभर खुले रखे रहते हैं। खाद्य पदार्थों को पकाने वाला घटिया तेल भी कई हफ्तों तक एक ही उपयोग होता रहता है, एक बार कढ़ाई में जो तेल डल जाता है उसी से कई हफ्तों तक खाद्य पदार्थ तैयार होते रहते हैं, जब तक कि पूरी तरह काला न पड़ जाए।

अभद्र भाषा पर भी उतारू रहता है स्टाफ

यह कैन्टीन कई वर्षों से एक ही व्यक्ति को दी जा रही है, जिसके चलते वह अपने मनमानी करते हैं और वहां का स्टाफ कई बार लोगों से अभद्रता करते देखा गया है। चूंकि वहां जो पुलिस व अन्य कलेक्ट्रेट कर्मचारी हैं, उनका रोज का आना जाना होने की वजह से कैन्टीन स्टाफ के समर्थन में रहते हैं, जिसकी वजह से बाहरी व्यक्ति के शिकायत करने पर तबज्जो नहीं दी जाती, साथ ही कैन्टीन स्टाफ की तरफ समर्थकों की संख्या देखकर शिकायतकर्ता भी शांत होकर निकल जाते हैं। जानकारी के अनुसार भिण्ड निवासी युवक ने कैन्टीन पर गर्म समोसा देखकर ले लिया, लेकिन दो कौर खाते ही उसका जी मचलाने लगा तथा जब समोसे को उसने गौर से देखा तो वह खराब दिखा। युवक ने इसकी शिकायत करना चाही तो अन्य लोगों ने समझा बुझाकर मामला रफादफा कर दिया।