बच्चों व दिव्यांगों को मिले उनका अधिकार : न्यायाधीश

विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक जागरुकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 07 दिसम्बर। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के आदेशानुसार दिव्यांगजन सप्ताह एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त किए जाने हेतु जागरुकता अभियान के अंतर्गत शा. उमावि मालनपुर एवं आंगनबाड़ी केन्द्र 26/6 भावनीपुरा भिण्ड में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
शा. उमावि मालनपुर में आयोजित शिविर में जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुनील दण्डौतिया ने बच्चों के शिक्षा का अधिकार अधिनियम तथा दिव्यांजनों का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जानकारी देते हुए बताया कि छह से 14 वर्ष तक के बच्चे का अधिकार है कि उसे शिक्षा प्रदाय की जाए, जिसके लिए शासन द्वारा सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा का प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही निजी विद्यालयों में भी कुल सीटों में से 25 प्रतिशत शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अतिरिक्त दिव्यांग बच्चों के लिए शासन द्वारा विशेष विद्यालयों की स्थापना भी की गई है तथा ऐसे निजी विद्यालय जिनमें दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्रदाय की जाती है। उन्हें सरकार द्वारा नियमानुसार अनुदान राशि भी प्रदान की जाती है ताकि सभी बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने और जीवन में आगे बढऩे का समान अवसर मिल सके और आगे चलकर वे एक समृद्ध, प्रगतिशील एवं विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकें।
आंगनबाड़ी केन्द्र 26/6 भवानीपुरा भिण्ड में आयोजित कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी सौरभ कुमार दुबे ने माहिलाओं से संबंधित विषयों जैसे महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण, कौशल उन्नयन, डिजिटल साक्षरता आदि के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के दौरान सरकार द्वारा उन्हें पोषण युक्त खाद्य सामग्री, कैल्शियम एवं अन्य आवश्यक मिनरल्स, तत्वों की शरीर में आवश्यक पूर्ति के लिए दवाएं वितरित की जाती हंै तथा जरूरी मेडिकल जांच नि:शुल्क की जाती है। उन्होंने अतिरिक्त महिलाओं के विरुद्ध हो रही हिंसा के संदर्भ में हेल्प लाइन नं.1090 के संबंध में भी जानकारी दी। नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सुनील दुबे, आंगनबाड़ी केन्द्र प्रभारी श्रीमती शांति राठौर उपस्थित रहे।