गला दबाकर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

सागर, 20 सितम्बर। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने तौलिया से गला दबाकर अभय सिंह की हत्या करने वाले अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह पुत्र भोलाराम प्रजापति उम्र 42 साल निवासी पथरिया, जिला दमोह को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने की।
सहायक मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सागर अमित जैन के अनुसार मामला इस प्रकार है कि इतवारी टौरी सागर निवासी अभय सिंह 13 फरवरी 2021 को अपने घर पर अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह प्रजापति के साथ कमरे में बैठकर खाना पीना कर रहे थे और शराब पी रहे थे। वहीं पर अभियुक्त ने अभय सिंह की तौलिया से गला दबाकर हत्या कर दी। फरियादी जितेन्द्र राजपूत की भाभी उसके कमरे में आई और कहा कि राजेश प्रजापति उससे बोलकर गया कि उसने अभय को गला दबाकर सुला दिया है, वह अब कभी नहीं उठेगा, ऐसा कहकर राजेश वहां से चला गया। जितेन्द्र ने अपने कमरे में जाकर देखा तो मृतक अभय अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रहा था, उसके गले में लाल निशान थे और नाक से खून बह रहा था। उसके बाद फरियादी ने अपनी भाभी और पड़ोसी को साथ लेकर अभय सिंह को जिला अस्पताल लेकर गया, वहां डॉक्टर ने अभय का मृत घोषित कर दिया। फरियादी की रिपोर्ट पर से थाना मोतीनगर में अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह के विरुद्ध हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की पड़ताल के दौरान घटना स्थल का नक्शा तैयार किया गया, मौके से एक कांच की बोतल अंग्रेजी शराब जब्त की गई। घटना के संबंध में गवाहों के बयान दर्ज किए गए। आरोपी राजेश उर्फ रामसिंह को गिरफ्तार कर उससे गवाहों के समक्ष पूछताछ की गई, जिसमें उसने तौलिया से अभय सिंह की गला दबाकर हत्या करना कबूला। घटना में प्रयुक्त तौलिया को जब्त किया गया। शव परीक्षण करने वाले डॉक्टर की क्वेरी रिपोर्ट में भी मृतक की तौलिया से गला दबाकर मृत्यु होना संभावित पाया गया। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित पाऐ जाने पर न्यायालय ने अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह प्रजापति को धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन कारावास व दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का दण्डादेश पारित किया है।