दो पटवारियों ने किया एक करोड़ 29 लाख का गवन

ओलावृष्टि के नाम पर निजी लोगों के खातों में डाला किसानों का पैसा

भिण्ड, 29 जुलाई। गोहद तहसील के दो पटवारियों ने किसानों के हित में कमाल का काम दिखाया है। किसानों को मिलने वाली ओलावृष्टि की राशि अपने निजी लोगों के खातों में डालकर एक करोड़ 29 लाख से भी अधिक का गवन कर डाला।
जानकारी के मुताबिक तहसीलदार गोहद रामजीलाल वर्मा ने गोहद पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज कराया है कि तहसील के हल्कों में पदस्थ पटवारी कुलदीप निवासी कुम्हरौआ भिण्ड एवं पटवारी निशांत खरे निवासी शताब्दीपुरम ग्वालियर ने अपने हल्कों के किसानों को सर्वे के अनुसार मिलने वाली ओलावृष्टि की राशि उनके खातों में न डालते हुए अपने निजी लोगों के खातों में डालकर शासन को एक करोड़ 29 लाख 34 हजार 405 रुपए की क्षति पहुंचाई है। यह घालमेल 11 मई 20 से 27 जुलाई 21 तक किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार गोहद रामजीलाल वर्मा की रिपोर्ट पर गोहद पुलिस ने दोनों आरोपी पटवारियों के खिलाफ भादवि की धारा 420, 409 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना आरंभ कर दी है।
यहां बता दें कि विगत दिवस पूर्व मंत्री लहार विधायक डॉ. गोविन्द सिंह ने कलेक्टर को जांच हेतु ज्ञापन सौंपकर पत्रकार वार्ता में इस बात का खुलासा किया था कि गोहद तहसील क्षेत्र के कई गांवों में पटवारियों ने किसानों को मिलने वाली ओलावृष्टि की राशि का वितरण नहीं किया है वल्कि पटवारियों एवं तहसीलदार तथा तहसील के बाबुओं ने मिलकर बंदरबांट कर लिया है। डॉ. सिंह का आरोप था कि माह फरवरी 2020 में भिण्ड जिले की गोहद तहसील की लगभग 18 ग्राम पंचायतों में हुई ओलावृष्टि के 19 हजार 457 खातेदारों को कुल 25 करोड़ 34 लाख 75 हजार 333 रुपए की राशि वितरित की गई। इनमें अनेक गांव ऐसे हैं, जहां ओलावृष्टि नहीं हुई फिर भी उन गांवों के किसानों के खातों में फर्जी तरीके से राशि डालकर उन किसानों से 80 प्रतिशत राशि वापस लेकर बंदरबांट कर ली गई। ओलावृष्टि के ग्राम कीरतपुरा-माधौगढ़ की राशि ग्राम छरेंटा-करवास के किसानों के बैंक खातों तथा बिना ओलावृष्टि के ग्राम कनीपुरा के किसानों के बैंक खातों में राशि डालकर हड़प ली गई। पूर्व मंत्री का आरोप था कि गोहद क्षेत्र के खरौआ सहित अनेक गांवों के व्यक्तियों के एक ही खातों में कई बार राशि डाली गई, इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिनके पास कृषि भूमि ही नहीं है। ऐसे ही रायसिंह पुत्र मायाराम के खाते में आठ बार, ग्याप्रसाद जगत सिंह के खाते में 12 बार, हरेन्द्र सिंह के खाते में 11 बार, शिवचरन सिंह पुत्र जसवंत के खाते में 15 बार लाखों रुपए की राशि डालकर हड़प ली गई। कांगे्रस द्वारा ओलावृष्टि राशि वितरण की बारीकी से जांच कराई जाकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी।