भ्रष्टाचार के मामले में ग्राम पंचायत सचिव को पांच साल कठोर कैद

सीसी रोड के प्रस्ताव के लिए मांगी थी दस हजार रुपए रिश्वत
लोकायुक्त ने पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था

छतरपुर, 29 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (भ्रनि अधिनियम) छतरपुर श्री सुधांशु सिन्हा के न्यायालय ने ग्राम पंचायत खरयानी, तहसील बिजावर सचिव भरतराम अहिरवार को पांच साल कठोर कैद एवं जुर्माना की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक (भ्रनि अधिनियम) एडीपीओ केके गौतम ने पैरवी करते हुए साक्ष्य अदालत में पेश किए और लोक सेवक के पद पर पदस्थ रहते हुए भ्रष्टाचार करने के लिए आरोपी को कठोर सजा देने की मांग की।
जिला अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 सितंबर 2015 को फरियादी गुरूदेव मिश्रा निवासी खरयानी ने सचिव भरतराम अहिरवार के विरुद्ध रिश्वत मांग संबंधी लिखित शिकायत आवेदन लोकायुक्त कार्यालय सागर में दिया कि फरियादी की पत्नी द्वारा ग्राम पंचायत खरयानी में सरपंच के पद पर रहते हुए करीब एक-डेढ़ माह पहले सीसी रोड निर्माण कार्य हेतु पंचायत स्तर पर प्रस्ताव तैयार होने के बाद सचिव द्वारा फाइल जनपद कार्यालय बिजावर भेजी थी, किंतु सचिव द्वारा उक्त फाइल में स्वयं के अभिमत का प्रस्ताव नहीं लगाया गया, जिस हेतु सचिव द्वारा 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई। आवेदक आरोपी को रिश्वत देना नहीं चाहता था और उसे रिश्वत लेते रंगे हांथों पकड़वाना चाहता था। फरियादी के उक्त आवेदन पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 30 सितंबर 2015 को तहसील कार्यालय बिजावर में फरियादी से पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए आरोपी को रंगे हाथ पकड़कर संपूर्ण विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में पेश किया। अदालत ने आरोपी खरयानी ग्राम पंचायत सचिव भरतराम अहिरवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) में पांच साल की कठोर कैद के साथ दस हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 7 में चार साल की कठोर कैद के साथ 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि लोक सेवक द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या है, जो समाज को खोखला कर रही है। भ्रष्टाचार लोकतंत्र एवं विधि के शासन की नींव को हिला रहा है। आरोपी के विरुद्ध नरम रुख अपनाया जाना विधि की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय की मांग है।