प्रकृति ही ईश्वर है, इस हेतु प्रकृति हमारे लिए पूज्य : नंदू

भिण्ड, 28 जुलाई। हरियाली अमावस्या पर ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति डिड़ीखुर्द व सर्वे भवंतु सुखिन सामाजिक समिति के संयुक्त तत्वाधान में पौधारोपण किया।


पौधारोपण करते समय एडवोकेट आशुतोष शर्मा नंदू ने बताया कि सावन हरियाली और उत्साह का महीना माना जाता है। इसलिए इस महीने की अमावस्या पर प्रकृति के करीब आने के लिए पौधारोपण किया जाता है। हरियाली अमावस्या का पर्व है, इस दिन पौधारोपण से ग्रह दोष शांत होते हैं। अमावस्या तिथि का संबंध पितरों से भी माना जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण से पितर भी तृप्त होते हैं, यानी इस दिन पौधे लगाने से प्रकृति और पितर दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन पौधे लगाना शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण का अधिक महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि एक एक पेड़ 10 पुत्रों के समान होता है। पेड़ लगाने के सुख बहुत होते हैं और पुण्य उससे भी अधिक। प्रकृति में ईश्वर है, इस हेतु प्रकृति हमारे लिए पूज्य है। वृक्षों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने हेतु परिवार के प्रति व्यक्ति को हरियाली अमावस्या पर एक-एक पौधा रोपित करना चाहिए।
पौधारोपण में जामुन, बेलपत्र ,नीम, पीपल, बरगद, अर्जुन आदि पौधे रोपे गए। कार्यक्रम में समिति के सक्रिय सदस्यों में आकाश शर्मा, कौशल यादव, अमन यादव, दीपक यादव, रवि श्रीवास, छोटू यादव, अजय यादव, मनीष यादव, शिवम यादव, पिंटू यादव, अंकित श्रीवास आदि लोगों ने अपने नक्षत्र के अनुसार पौधारोपण किया।