पृथ्वी को राक्षस विहीन करने जन्मे श्री राम : पं. द्विवेदी

मेहगांव के खेड़ापति मंदिर परिसर में श्रीराम कथा में हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 21 जुलाई। मेहगांव नगर के प्राचीन सिद्ध पीठ खेड़ापति हनुमान मन्दिर पर चल रही संगीत में श्रीराम कथा में कथा वाचक आचार्य श्रीराम द्विवेदी ने भगवान श्रीराम के जन्म की कथा सुनाई और इस मौके पर उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
आचार्य द्विवेदी ने भगवान श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम का जन्म पृथ्वी को राक्षस विहीन करने के लिए हुआ था। उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु के प्रिय दो द्वारपाल अजय और विजय थे। उनके द्वारा सप्त ऋषि का अपमान करने पर उन्हें राक्षस बनने का श्राप दिया गया। इन राक्षसों को तारने के लिए भगवान राम ने अयोध्या नगरी में राजा दशरथ और मां कौशल्या के घर जन्म लिया।
कथा आयोजक संत शांतिदास महाराज ने बताया कि भगवान राम ने अपने जीवन काल में मर्यादा स्थापित की थी। इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रजा की भलाई में लगाते हुए राम राज्य की स्थापना की थी। उनके राज्य में प्रजा को स्वतंत्र रूप से अपनी बात कहना का अधिकार प्रदान किया गया था।