गुरु बिन भव निधि तरई न कोई, जो बिरंचि शंकर सम होई : आचार्य रामजी

खेड़ापति हनुमानजी मन्दिर मेहगांव में चल रही श्रीराम कथा

भिण्ड, 19 जुलाई। मेहगांव नगर के खेड़ापति हनुमान मन्दिर पर चल रही संगीतमय श्रीराम कथा द्वितीय दिवस की कथा का नगर वासियों ने आनंद से रसपान किया। जिसमें कथा वाचक रामजी द्विवेदी महाराज ने श्रोताओं को बताया कि अंधेरे से प्रकाश की ओर गुरू ले जाते हैं। क्योंकि अज्ञान रूपी धनुष, गुरू रूपी राम से ही टूटता है। जब तक जीवन में गुरू चरण पूजा नहीं होगी, तब तक ईश्वर भक्ति प्राप्त नहीं होगी। इसलिए हर मानव को कम से कम एक गुरु बनाना चाहिए।
श्रीराम कथा के आयोजक संत श्री शांतिदास महाराज ने बताया कि आश्रम पर प्रतिदिन संकट मोचन हनुमानजी महाराज के सहस्त्र नामों की आहुति दी जाती है और इस संकट मोचन यज्ञ का आयोजन समाज और नगर कल्याण के लिए किया जा रहा है। कथा स्थल पर नगर वासियों के साथ आस-पास के गांवों के लोग भी उपस्थित रहे।