नाम बदलकर प्रतिरूपण करने वाले अभियुक्त को दो वर्ष का कारावास

सागर, 19 जुलाई। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सागर के न्यायालय ने नाम बदलकर प्रतिरूपण करने वाले अभियुक्त हरिप्रसाद पुत्र लक्ष्मी प्रसाद मौर्य उम्र 35 वर्ष निवासी आनंद नगर, थाना पदमाकर नगर को दोषी पाते हुए धारा 201, 205, 419 भादंवि में दो-दो वर्ष के कठोर कारावास और 500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित जैन (जूनि) ने की।
अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि अभियुक्त हरिप्रसाद मौर्य पर धारा 201, 202 205, 419, 187 भादंवि के अंतर्गत आरोप था कि उसने चार मार्च 2011 को समय करीब 5.30 बजे थाना पदमाकर नगर के अपराध क्र.0/11 के अंतर्गत धारा 324, 34 भादंवि में यह जानते हुए कि रम्मू उर्फ रामू ने उक्त अपराध कारित किया है, उक्त अपराध कारित किए जाने के साक्ष्य का विलोपन इस आशय से किया कि वह उक्त अपराध में रम्मू उर्फ रामू मौर्य को वैध दण्ड से प्रतिछादित करें और अपने स्वयं को रम्मू अभिव्यक्त कर ऐसी इत्तिला दी कि जिसके मिथ्या होने का उसे विश्वास था। अभियुक्त ने उक्त अपराध में स्वयं को रामू मौर्य के रूप में प्रतिरूपित कर प्रकरण में मेमोरेण्डम कथन दिए एवं चाकू जब्त कराया तथा गिरफ्तारी कराई। अदालत में पेश किए जाने पर हरिप्रसाद ने रम्मू न होकर हरिप्रसाद स्वीकार्य किया। प्रकरण को अभियुक्त के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय ने अपने निर्णय में उल्लेखित किया है कि अभियुक्त द्वारा पुलिस एवं न्यायालय जैसी संस्था के प्रति अपराध किया है यदि अपराधी के प्रति सरल दृष्टिकोण अपनाया जाता है तो समाज का पुलिस तथा न्यायालय जैसी संस्थाओं पर विश्वास कम होगा। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए न्यायालय ने अभियुक्त हरिप्रसाद पुत्र लक्ष्मी प्रसाद मौर्य को धारा 201, 205, 419 भादंवि में दो-दो वर्ष के कठोर कारावास और 500 रुपए जुर्माने से दण्डित करने का निर्णय पारित किया है।