संयम की साधना व गुरू भक्ति सफलता का मार्ग : विनय सागर

मुनिश्री विनय सागर महाराज के सानिध्य में गुरुभक्तों ने मनाई गुरु पूर्णिमा
मुनिश्री के पाद प्रच्छलन, शास्त्र भेंट के साथ संगीतमत अष्ट द्रव्य से किया पूजन

ग्वालियर, 13 जुलाई। संयम की साधना व गुरू भक्ति से जीवन में सभी सफलताएं प्राप्त की जा सकती है। संयम, साधना व गुरू भक्ति के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। मनुष्य जीवन में संस्कारों का भी बहुत बड़ा प्रभाव होता है। संयम साधना व गुरू भक्ति ही संस्कार सिखाती है। अच्छे संस्कार ही मनुष्य को उन्नति के पथ पर ले जाते हैं। एक गुरु ही होती हैं जो अपने शिष्यों का सही ढंग से मार्गदर्शन करता है। गुरू वही नहीं होता है जो हमें किताबों का ज्ञान देते हैं बल्कि गुरू उसे भी माना जा सकता है जो हमारा सही मार्गदर्शन करे। जिसके जीवन मे गुरू नहीं उसका जीवन शुरू नहीं। यह विचार मुनि श्री विनय सागर महाराज ने बुधवार को साधनानुभूति वर्षयोग व पुलक मंच परिवार कमेटी की ओर से माधवगंज स्थित चातुर्मास सभागार में गुरू पूर्णिमा पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि गुरू पूर्णिमा पर शिष्य अपने गुरूदेव की आराधना और भक्ति करते हैं। यहा आराधना शिष्यों के लिए बहुत महत्व है। गुरू के बिना किसी को विपुल शब्द ज्ञान होना असभंव है। अत: गुरू उपादेश अर्थाव स्वीकर करने योग्य है। गुरू पूर्णिमा पर मुनिश्री के पाद प्रच्छालन मुनिसेवा संघ महिला मण्डल ने किए। मुनिश्री को शास्त्र भेंट विपिन जैन परिवार व भव्य आरती चक्रेश अशी जैन परिवार ने की।
मुनिश्री विनय सागर महाराज से मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री दर्ज व निगम बीज के अध्यक्ष मुन्नलाल गोयल व भाजपा नेता दिनेश जैन ने पहुंचकर श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद लिया। आतिथियों का स्वागत साधनानुभूति वर्षयोग संमिति एवं सहयोगी संस्था पुलक मंच परिवार ग्वालियर के अध्यक्ष चक्रेश जैन, मनोज जैन कॉलेज, स्वागताध्यक्ष राजेश जैन, सचिव जितेन्द्र जैन, धर्मेन्द्र जैन, नरेन्द्र जैन सोनू, माला व साफा पहनाकर सम्मानित किया।

मुनिश्री का गुरूपूर्णिमा पर हुआ संगीतमय पूजन, चढ़ाए महाघ्र्य

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्श कलम ने बताया कि पूजन का सबसे पहले आचार्य श्री विराग सागर का महाअघ्र्य वर्षयोग संमिति, आचार्य श्री विनम्र का अघ्र्य युवाओं एवं आचार्य श्री पुलक सागर महाराज का अघ्र्य जैन महिला जागृति मंच ने भक्तिभव के साथ समर्पित किया। मुनि श्री विनय सागर महाराज का पूजन की स्थापना डॉ. वीणा जैन के साथ जैन समाज की संस्थाओं व जैन समाज जनों ने भक्ति भाव एवं नृत्य करते हुए हाथों में सजी हुई अष्ट द्रव्य, जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद, दीप, धूप, फल एवं महाअघ्र्य पं. चंद्रप्रकाश जैन, ज्योतिचार्य हुकुमचंद जैन व सुनील भंडारी ने मंत्रोच्चारण के साथ मुनिश्री के समक्ष अर्घ समर्पित करवाए। पूरा पण्डाल मुनि श्री विनय सागर महाराज के जयकारों के साथ गूॅज उठा और महिलाओ और बालिकाओ ने भजनो पर नृत्य किया।

आर्यिकाश्री की चातुर्मास कलश स्थापना आज

गणाचार्य विराग सागर महाराज की परम शिष्या श्रमणी आर्यिका श्री विरम्या माताजी एवं श्रमणी आर्यिका श्री विसंयोजना माताजी ससंघ का 2022 का भव्य चतुर्मास ग्वालियर में करने के लिए भव्य चतुर्मास कलश स्थापना समारोह 14 जुलाई गुरुवार को दोपहर 12 बजे से मामा का बाजार स्थित दिगंबर जैन ऋषभ धर्मशाला में आयोजित होगा। कार्यक्रम का शुभारंभ जैन ध्वजारोहण, चित्र आवरण, दीप प्रज्वलित, शास्त्रभेट, आतिथियो का सम्मान, व आर्यिकाश्री कर मंगल प्रवचन के साथ कलश स्थापना होगी।

गुरू पूर्णिमा पर गुरू के संगीतमय भजनों भक्ति झूमें गुरूभक्त

गुरू पूर्णिमा कार्यक्रम में संगीतकर अर्पित जैन, पारस जैन, अखिल जैन ने दीवान गुरुवर का जाप गुरुवर का नाम दीवान गुरुवर… गुरूवर की सूरतिया लगे प्यारी प्यारी… गुरूवर हम तो दीवाने है तेरे… मुझे लगी गुरूसंग प्रीत की दुनिया क्या जाने… मेरे वीर प्रभू के द्वार ढोल बाजे रे.. छोटे बाबा रे पधारो मोरे अंगना… जब खिड़की खोलू तो तेरा दर्शन हो जाएं… चन्द्र प्रभू के दर्शन करने सोनागिर को जाऊंगी जैसे भजनो पर गुरूभक्तों ने जमकार नृत्य किया।