सिद्धचक्र महामण्डल विधान के पांचवे दिन चढ़ाए 512 अघ्र्य

भिण्ड, 10 जुलाई। अष्टान्हिका महापर्व के अवसर पर श्री 1008 सीमंधर जिनालय देवनगर कॉलोनी में बाल ब्रह्मचारी रविन्द्र आत्मन की प्रेरणा से ब्रह्मचारी जीनल शाह, देवलाली पंडित, दिनेश जैन, पं. महेश शास्त्री अमायन, पं. अंकुर शास्त्री मैनपुरी, पं. अनेकांत शास्त्री दमोह एवं स्थानीय विद्वानों के सानिध्य में पांच से 14 जुलाई तक श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन चल रहा है।
इस अवसर पर सुश्री जीनल शाह बेन ने कहा कि अष्टान्हिका महापर्व के अवसर पर सिद्धचक्र महामण्डमल विधान के आयोजन में सिद्धों की आराधना करने व सिद्ध भगवान के गुणानुभाव का अवसर हमें प्राप्त हुआ है। सिद्ध भगवान तीनों कर्मों से रहित हो गए हैं। अशरीरी अर्थात् देह से रहित अनंतकाल तक आनंद में विराजते हैं, पुन: संसार में नहीं आएंगे। ऐसे सिद्ध भगवंतों को हम बारम्बार नमन करते हुए सिद्धचक्र महामण्ड ल विधान के पांचवे दिन विधानाचार्य पं. महेन्द्र जैन, पं. दिनेश कासलीवाल ने विधि विधान से 512 अष्ट द्रव्य चढ़ाकर भक्ति भाव के साथ सिद्धों की पूजा आराधना की। इस अवसर पर महावीर प्रसाद, अरविन्द्र कुमार, सुरेश चन्द्र जैन, अमर चन्द्र जैन, विनोद जैन, दीपक जैन, महेश जैन, अनिल जैन, आनंद जैन, बिल्लू जैन, नरेश जैन, विमल जैन, अशोक जैन आदि महिला-पुरुष उपस्थित थे।