पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी पति को आजीवन करावास

सागर, 30 जून। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सागर श्री शिव बालक साहू के न्यायालय ने पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी शेरसिंह अहिरवार निवासी भगत सिंह वार्ड, मोती नगर, जिला सागर को धारा 302 भादंवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड और धारा 201 भादंवि में सात वर्ष कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी उप-संचालक (अभियोजन) अनिल कटारे एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी/एडीपीओ सौरभ डिम्हा प्रकरण की जानकारी देते हुए ने बताया कि फरियादी नीलेश ने छह जुलाई 2020 को रिपोर्ट लेख कराई कि मेरी दीदी भारती की शादी करीब 12 साल पहले राघव गार्डन के पीछे भगत सिंह वार्ड के शेरसिंह अहिरवार के साथ हुई थी। दीदी को उसका पति हमेशा लड़ाई झगड़ा कर मारपीट करता रहता था। इसलिए दीदी मायके में रहती थी। तीन दिन पहले तीन जुलाई 2020 को दीदी भारती को जीजा शेरसिंह दिन के करीब 10-11 बजे लेकर गए थे। उसके बाद दीदी से कोई बात नहीं हुई थी, जब जीजा शेरसिंह से पूछा कि दीदी कहां है तो बोला दीदी कही चली गई है। आस-पड़ोस के लोगों से पूछा तो नहीं देखना बताया। छह जुलाई 2020 को मैंने मां-पिताजी के साथ जीजा शेरसिंह के घर पर जाकर देखा तो जीजा शेरसिंह के घर से बदबू आ रही थी। घर खोलकर देखा तो कमरे के अंदर रखी पलंग पेटी से बहुत अधिक बदबू आने पर पलंग खोलकर देखा तो दीदी भारती की लाश रस्सी से बधी हुई थी। जीजा शेरसिंह ने मेरी दीदी की हत्या कर लाश पलंग पेटी में छुपा दी थी। देहाती नालसी के आधार पर थाना मोती नगर में प्रकरण पंजीबद्ध कर मर्ग कायम किया गया एवं मामला विवेचना में लिया गया। साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए, घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए गए, नक्शा मौका तैयार किया गया, घटना स्थल से जब्त बस्तुओं का एफएसएल से परीक्षण कराया गया। शव का पीएम कराया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष अभियोजक की ओर से मृतिका की आरोपी शेरसिंह अहिरवार द्वारा हत्या कारित करने एवं साक्ष्य छुपाने के ठोस सबूत प्रस्तुत किए गए, मृतिका की पीएम रिपोर्ट एवं भोपाल द्वारा प्रस्तुत मेडीकल रिपोर्ट में यह स्पष्ट मत दिया गया कि मृतिका की मृत्यु किसी व्यक्ति द्वारा गला दबाने से सांस रुक जाने के कारण हुई तथा विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों को परीक्षित करया गया। वहस के दौरान महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किए गए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी शेरसिंह अहिरवार को हत्या का दोषी करार देते हुए धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड और धारा 201 भादंवि में सात वर्ष करावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का निर्णय पारित किया है।