छुरी मारकर चोट पहुंचाने वाले आरोपी को एक वर्ष का सश्रम कारावास

रायसेन, 30 जून। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गौहरगंज, जिला रायसेन श्री गौरव अग्रवाल के न्यायालय ने अड़ीबाजी करते हुए छुरी मारकर चोट पहुंचाने वाले आरोपी असलम खान पुत्र अनवर खान उम्र 32 साल को पुलिस थाना मंडीदीप के मामले में दोषी पाते हुए आरोपी को धारा 327 भादंसं में एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 324 भादंसं में छह माह का सश्रम कारावास तथा 500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया गया है। प्रकरण में राज्य की ओर से पैरवी सहायक लोक अभियोजन अधिकारी तहसील गौहरगंज लोकेन्द्र कुमार द्विवेदी ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि ओमप्रकाश कौरव जो अनंत स्पिनिंग मिल, मंडीदीप में मजदूरी करता था और वह नौ जुलाई 2013 को सुबह आठ बजे से शाम तक ड्यूटी करके, नीरज, मधू राजेश एवं मनोज के साथ मंगल बाजार आया था और सब्जी खरीद रहा था और वे लोग लगभग 10:30 बजे मंगलवार बस स्टेण्ड पर आए, तभी एक व्यक्ति हाथ में छुरी लिए आया और बोला कि उसे, असलम दादा कहते हैं और 200 रुपए शराब पीने के लिए मांगने लगा, तो ओमप्रकाश कौरव ने उसको रुपए देने से मना किया, तो वह गाली देते हुए बोला कि रुपए नहीं देंगा, तो जान से खत्म कर दूंगा और असलम ने हाथ में रखी छुरी ओमप्रकाश कौरव को मार दी, जो दाहिने हाथ की कलाई पर लगी। इसी दौरान नीरज ने घटना का बीच-बचाव किया, तो असलम ने उसे भी उल्टी छुरी मारी। इसके बाद उन लोगों ने असलम को पकड़ लिया और उसे पुलिस थाने ले आए। फिर ओमप्रकाश कौरव द्वारा इस घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना मण्डीदीप में लेख कराए जाने पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 327, 324, 294, 506 भादंसं के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। अनुसंधान के दौरान आहतगण का मेडीकल परीक्षण कराया गया और घटना स्थल का नक्शा बनाया गया। अभियोजन साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए। अनुसंधान के क्रम में अभियुक्त से एक लोहे की छुरी को जब्त कर जब्ती पत्रक तैयार किया गया तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पत्रक बनाया गया। प्रकरण में अभियुक्त के पास अवैध रूप से आयुध रखे होने से प्रकरण में आयुध अधिनियम की धारा 25/27 का इजाफा किया गया। प्रकरण में शेष संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग-पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी ने पक्ष रखते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित कराया। फलस्वरूप न्यायालय ने आरोपी को उक्त धाराओं में दोषी पाते हुए दण्डित किए जाने का आदेश सुनाया है।