सांसारिक संबंध के साथ हो आध्यात्मिक संबंध

मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर पर चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 27 जून। मेहगांव नगर के मुरैना रोड स्थित मंशापूर्ण हनुमान जी मन्दिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सोमवार को व्यासपीठ से पं. रामप्रकाश व्यास ने सत्य, ज्ञान, धर्म, दया, शांति का निरुपण करते हुए ने कहा कि सांसारिक संबंध के साथ आध्यात्मिक संबंध भी हो, सांसारिक रिश्ते के साथ आध्यात्मिक रिस्ता भी हो। सत्यं माता-पिता ज्ञाने धर्मो भ्राता दया सखा शांति पत्नी क्षमा पुत्र: षडय़ेते मम वान्धव:।। अर्थात- सत्य रूपी माता होगी तो सबको न्याय मिलेगा, ज्ञान रूपी पिता होगा तो सबको रास्ता मिलेगा, धर्म रूपी भाई होगा तो आपस में प्रेम रहेगा, दया रूपी सखा होगा तो भेदभाव मिटेगा, शांति रूप पत्नी होगी तो संतान अच्छी होगी।

भागवत कथा में आज की चर्चा समाज सुधार के लिऐ सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। समाज और देश में फैली कुरीतियों से युवाओं को बाहर निकालना होगा, समाज और देश तभी आपसी भाईचारे की नीम को मजबूती प्रदान करेगा, तब विकासशील होकर प्रगति करेगा, जड़भरत के जीवन चरित्र में यही दर्शन कराया गया है।