ग्रह क्लेश के चलते पति-पत्नी ने लगाई फांसी, पुत्र-पुत्री का गला घोंटा

पति-पत्नी व पुत्र की मौत, बालिका गंभीर हालत में ग्वालियर रैफर

भिण्ड, 11 जून। जिले के गोहद थाना क्षेत्र के ग्राम कठवां गुर्जर में सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां पर बीती रात दूध कारोबारी पति-पत्नी ने अपने बच्चों का गला घोट दिया एवं खुद फांसी पर लटक कर जीवनलीला समाप्त कर ली। हालांकि उनके बेटे की मौत हो गई। लेकिन बेटी जीवित बच गई, जिसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर वह खतरे से बाहर बताई जा रही है। दंपत्ति ने यह कदम क्यों उठाया इसकी पुलिस जांच कर रही है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान एवं एसडीओपी आरकेएस राठौर भी मौके पर पहुंच गए। वहीं एफएल टीम भी मौके पर पहुंची जहां बारीकी से सभी तथ्यों पर जानकारी एकत्रित करते हुए प्राईवेट एंबुलेंस से तीनों शवों को अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम कराते हुए शव परिजनों को सौंपा एवं अंतिम संस्कार कराया। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।


जानकारी के अनुसार गोहद थाना क्षेत्र के कठवां गुर्जर गांव निवासी धर्मेन्द्र गुर्जर उम्र 32 वर्ष अपनी पत्नी श्रीमती अमरेश उम्र 30 वर्ष, पुत्र निशांत एवं पुत्री मीनाक्षी के साथ रह रहा था। धर्मेन्द्र का दूध का कारोबार था। जिसके चलते वह अक्सर सुबह जल्दी जाग जाया करता था। लेकिन शनिवार सुबह काफी देर तक धर्मेन्द्र के गेट नहीं खुले, ऐसे में जब पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई तो भी घर में से किसी प्रकार की कोई आहट सुनाई नहीं दी। उसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सूचना कर्ताओं को वीडियो बनाते हुए दरवाजा तोड़कर अंदर जाने की बात कही। जिसके बाद लोगों ने दरवाजा तोड़ा और घर के अंदर दाखिल हुए। घर के अंदर का नजारा देखकर सभी के पैर ठिठक गए। अंदर पति-पत्नी की लाश फंदे पर लटकी हुई थी, जबकि 12 वर्षीय बेटा जमीन पर मृत पड़ा था, वहीं बेटी जमीन पर पड़ी हुई सिसक रही थी। इतने में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, जिसके बाद उपनिरीक्षक ने तुरंत 10 वर्षीय बेटी मीनाक्षी को ले जाकर गोहद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया जहां पर वह खतरे से बाहर बताई जा रही है। हालांकि बेहतर इलाज की दृष्टि से बेटी मीनाक्षी को ग्वालियर रेफर कर दिया गया है।


घर का दरवाजा न खुलने से पहुंचे लोग

धर्मेन्द्र सिंह गुर्जर काफी मिलनसार प्रवृत्ति का व्यक्ति था, हर किसी के सुख-दुख में भाग लेता था और उसके घर के दरवाजे सुबह छह बजे खुल जाते थे, लेकिन सात बजे तक घर के सदस्य बाहर नहीं निकले तो पड़ोसियों ने घर में झांका तब पता चला।

अगर पुलिस का इंतजार करते तो मीनाक्षी नहीं होती दुनिया में

जब गांव वाले धर्मेन्द्र सिंह के कमरे के बाहर थे तो उन्हें लड़की के सिसकने की आबाज सुनाई दी। इसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी तथा गांव के कोटवार को भी थाने भेजा, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। तब गांव वालों वे वीडियो बनाकर गेट तोड़ा और मीनाक्षी को अस्पताल भेजा। जहां उसे गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर किया गया।

बच्चों का गला घोंटा तथा स्वयं फांसी पर झूले

कठुवां गुर्जर गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की खुदकुशी के मामले में घटना स्थल पर धर्मेन्द्र व उसकी पत्नी अमरेश का शरीर फांसी पर झूल रहा था। वहीं दोनों बच्चे जमीन पर उनके गले में रस्सी के फंदे का निशान था। लोगों का कहना था कि पहले बच्चों का गला घोंटा गया है, उसके बाद पति-पत्नी फांसी पर झूल गए।

आर्थिक रूप से काफी संपन्न है परिवार

धर्मेन्द्र सिंह गुर्जर ने अपने परिवार को खुदकुशी कर समाप्त करने का कदम उठाया है, उसमें मुख्य कारण सामने ही आया है, मृतक दो भाई हैं, उसका भाई अपने परिवार सहित ग्वालियर अमलतास कॉलोनी में निवास करता है। धर्मेन्द्र के हिस्से 20 बीघा जमीन है। गोहद-मौ रोड पर मार्केट एवं ग्वालियर में भी मकान है, छोटा परिवार था, सब अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर धर्मेंद्र ने यह कदम क्यो उठाया पता नहीं।