पुत्र और पुत्री में भेदभाव नहीं होना चाहिए, कृष्ण ने बाल लीलाओं में यही संदेश दिया : ममता किशोरी

ग्राम रजपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पहुंची सांसद, लिया आशीर्वाद

भिण्ड, 01 जून। अटेर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल श्रीश्री 1008 केशवानंद महाराज ग्राम रजपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सरल कथा प्रवक्ता देवी ममता किशोरी दीदी ने श्रीकृष्ण जन्म और नंद उत्सव, माखन चोरी की कथा का वर्णन किया। श्रीकृष्णा जन्मोत्सव में महिलाओं ने बधाईयां देकर नृत्य किया।
सरल कथा प्रवक्ता देवी ममता किशोरी दीदी ने श्री संगीतमय भागवत कथा के पंचम दिवस में चंद्रवंश कथा का वर्णन करते कहा कि कि बटेश्वर के महाराजा अग्रसेन के पुत्र बस देव महाराज के साथ देवकी का विवाह हुआ। वह राजा कंस की बहन थी और जब विदा करने के लिए रथ पर पहुंचा तो आकाशवाणी हुई, देवकी का आठवां पुत्र तेरा काल बनेगा और राजा कंस क्रोधित हो गया। देवकी और वसुदेव को कारोबार में बंद कर दिया। जैसे ही जैसे ही देवकी के जेल में अष्टम पुत्र की प्राप्ति हुई जेल के ताले टूट गए और पहरेदार भी सो गए और बसुदेवजी पुत्र को सूप में बैठा कर जमुना पार कर बाबा नंद के यहां ले गए, बालक को लिटा दिया और वहां से कन्या को उठा कर के राजा कंस को दे दी। जैसे कंस ने कन्या को हाथ में लेकर मारा और आकाशवाणी हुई कि तेरे मारने वाला गोकुल में जन्म ले चुका है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव पर शंकर भोलेनाथ ने भी दर्शन किए। गंगा मैया, जमुना मैया, सभी देवी देवता भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए उमड़ पड़े।

हम सबको अपनी संस्कृति के प्रति जागृत होना पड़ेगा : सांसद

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भिण्ड-दतिया सांसद संध्या राय ने श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किया और कहा कि हम सब आध्यात्मिकता की ओर जागृत होकर आगे बढऩे का काम करें। तभी हमारी परमात्मा के प्रति आस्था बढ़ेगी। श्रीमद् भागवत कथा, श्रीराम कथा और अनेक सत्संग की हमारे भारतीय संस्कृति की पहचान हैं, इसे हम बनाए रखें। हम सबको अपनी पुरानी संस्कृति के प्रति जागृत होना पड़ेगा, तभी हम आगे बढ़ेंगे और सच्चे भाव से आप सभी को ममता किशोरी जी कथा का श्रवण करें, इसे हम ध्यान से सुन कर और दूसरे लोगों को भी कथा सुनने का अवसर प्रदान करें, यही कथा का संदेश है।
श्रीमद् भागवत कथा को सुनने के लिए हजारों कथा प्रेमी रजपुरा धाम में पहुंच रहे हैं और पूरा पण्डाल वृंदावन धाम में तब्दील हो गया है। पारीक्षत पूर्व खनिज निगम कोकसिंह-श्रीमती माया नरवरिया और उनके पूरे परिवार श्रीमती सुशीला नरवरिया, देवेन्द्र सिंह नरवरिया, एडवोकेट नरोत्तम सिंह, एडवोकेट रविन्द्र सिंह नरवरिया, मधुराज सिंह लोधी, महेश सिंह नरवरिया, सुघर सिंह नरवरिया, लालजी सिंह नरवरिया, मेघसिंह नरवरिया, रामधन सिंह नरवरिया आदि लोग श्रीमद् भागवत कथा को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैंं।