राम से भी बड़ा राम का नाम है : बाल विदुषी अनमोलश्री

ग्राम आरोली (सुकाण्ड) में चल रहा है श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ

भिण्ड, 27 मई। गोरमी क्षेत्र के ग्राम आरोली (सुकाण्ड) में गौतम ऋषि की तपोभूमि मां बिजासन धाम पर चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन सुप्रसिद्ध भागवताचार्य योगाचार्य बाल विदुषी अनमोलश्री (पीठाधीश्वर श्री द्वारिकाधीश सेवा संस्थान जयपुर) ने अपने मुखारविंद से कहा कि भागवत कथा जनमानस को मोक्ष का रास्ता प्रशस्त करती है। उन्होंने भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अवतार कथा सहित चारों भाइयों की जन्म की कथा एवं उनकी लीलाओं का वर्णन किया।


बाल विदुषी अनमोलश्री ने अगले प्रसंग में कहा कि राजा अम्बरीश भक्त श्री हरि विष्णु जी धर्म प्रिय थे, जो दुर्वाशा ऋषि के कोप भाजन बने, तब भगवान ने भक्त की रखवाली की सुदर्शन चक्र छोड़ दिया। दुर्वाशा ऋषि परेशान होकर राजा के पास आण्, राजा ने सेवाभाव से संत आशीर्वाद लिया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण का अवतार, देवकी वसुदेव से जेल सहित श्रीकृष्णा की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने अगले प्रसंग में गज ग्रह की लड़ाई में भगवान ने गजेन्द्र की पुकार सुनी और उसको ग्रह से उसको छुड़ाकर उद्धार कन्हैया द्वारा किया। सुश्री अनमोलश्री द्वारा धर्मप्रेमी बंधुओं को भागवत कथा का मधुर रसपान श्रवण कराया जा रहा है। जिसको सुनने हजारों से श्रृद्धालु पहुंच रहे हैं। अंत में भव्य भागवत आरती हुई एवं उसके उपरांत संत भण्डारे का आयोजन हुआ।