इलेक्ट्रिसिटी ( अमेंडमेंट ) बिल 2021 के विरोध में भिण्ड के बिजली अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किया दो घण्टे विरोध प्रदर्शन

भिण्ड, 19 जुलाई। बिजली कर्मचारियों/ अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर द्वारा सोमवार को दो घण्टे विरोध प्रदर्शन किया गया।
विरोध प्रदर्शन में स्थान वाटर वक्स बिजली कार्यालय में महाप्रबंधक दिनेश सुखीजा के नेतृत्व में उपस्थित रहे। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि बिजली कानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने की बजाए इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप देश की जनता को निजीघरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ेगी, अब इलेक्ट्रिसिटी अमेडमेंट बिल 2021 के जरिए बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के संपूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, इस बिल में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कंपनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कंपनियां सरकारी वितरण कम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी। उन्होंने बताया कि निजी कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी, जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी । इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का संपूर्ण निजीकरण करने जा रही है, जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।
विरोध प्रदर्शन के बाद 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह से दिल्ली में मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे। तीन अगस्त को उत्तरी क्षेत्र, चार अगस्त को पूर्वी क्षेत्र, पांच अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और छह अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे। इसके बाद 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। मप्र यूनाइटेड फोरम ने सरकार को लिखे नोटिस में कहा है कि यदि केन्द्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देश भर के बिजली कर्मी उसी दिन से हड़ताल पर चले जाएंगे। कार्यक्रम के तहत सोमवार को मप्र के सभी कंपनी मुख्यालय, क्षेत्रीय मुख्यालय एवं जिला मुख्यालयों में शाम चार बजे से छह बजे तक विरोध प्रदर्शन किया गया है।
मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर के नेतृत्व में भिण्ड उपमहाप्रबंधक शुभम कुमार चौधरी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है, जिसके विरोध में बिजली कर्मियों को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा है। सभा का संचालन महावीर सिंह ने किया। विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से महाप्रबंधक दिनेश सुखीजा, यशपाल सचदेवा, शुभम चौधरी, डीकेएस भदौरिया, महावीर सिंह, आरएस राजपूत, एके शर्मा, शिवप्रताप तोमर, रईस सिद्दीकी, गोपाल दास, निनोरिया, प्रहलाद सिंह नरवरिया, विजय कृष्ण चौधरी, विनोद शाक्य एवं 50 से अधिक कर्मचारी अधिकारी शामिल हुए।