चंबल क्षेत्र का युवा धार्मिक प्रवृत्ति का एवं संस्कारित है, इस क्षेत्र का विकास निश्चित है : देवकीनंदन ठाकुर

भिण्ड, 12 मई। गोहद क्षेत्र के ग्राम कंचनपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन यूपी रतन पुरस्कार से सम्मानित शांतिदूत देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि चंबल क्षेत्र के बारे में तरह-तरह की चर्चाएं की जाती हैं, यहां आने के बाद चंबल की रज में ब्रज का एहसास होता है। जिस क्षेत्र का युवा धार्मिक प्रवृत्ति का होकर शिक्षित पढ़ा लिखा हो, उस क्षेत्र का विकास कोई रोक नहीं सकता।
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भगवत कथा का श्रवण करने वाले 60 प्रतिशत युवा जिस क्षेत्र का हो उस क्षेत्र का विकास कोई नहीं रोक सकता। आज की भगवत कथा में उन्होंने बताया कि जिस तरह देश में संविधान का निर्माण किया गया है। हमें उस संविधान के नियमों का पालन करते हुए जीवन यापन करना है उसी तरह मानव रूपी इस मनुष्य के शरीर रूपी संविधान का निर्माण भगवान ने किया है। इसलिए उनके बनाए हुए इस मनुष्य रूपी शरीर के संविधान का पालन उसके नियम और निर्देश के अनुसार ही करना चाहिए। उन्होंने संस्कृत में 28 प्रकार के नर्क के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि झूठ बोलने वालों को वेद पुराणों को ना मानने वालों को छल कपट निंदा करने वालों को तरह-तरह के लड़कों का भाग बनना पड़ता मनुष्य जन्म हजारों वर्षों की तपस्या के बाद प्राप्त होता है, इसलिए हमें ईश्वर द्वारा निर्मित इस शरीर के अनुरूप भगवान के नाम को लेकर ही जीवन का संचालन करना चाहिए। चौथे दिन की श्रीमद् भागवत कथा में हजारों संख्या में श्रृद्धालु पहुंचे और शांतिदूत देवकीनंदन ठाकुर के मुखारविंद से कथा का रसपान किया है।