जब परमात्मा से ज्यादा कुछ और सबसे अधिक सुंदर लगने लगे तो संकट निश्चित : आचार्य अवस्थी

श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन वामन अवतार, श्रीराम , श्रीकृष्ण जन्म और नंदोत्सव का हुआ आयोजन

भिण्ड, 08 मई। अटेर क्षेत्र के ग्राम खड़ीत में चित्रकूट धाम से पधारे गुरुदेव श्रीश्री 108 सुंदरदास जी महाराज के आशीर्वाद चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक मनोज अवस्थी जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा के सुंदर वर्णन के साथ वामन अवतार, गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मंथन, भक्त अंबरीष का चरित्र, राम जन्म, धनुष यज्ञ, परशुराम संवाद, मत्स्य अवतार, सत्यव्रत राजा व सगर, गंगा माता एवं नंदोत्सव की कथाओं के साथ-साथ प्रभु के पावन चरित्र का सुंदर वर्णन किया। कथा को सुनकर पण्डाल में बैठे श्रृद्धालुजन भावविभोर हो उठे।


महाराज ने कहा कि भागवत तो साक्षात भगवान का स्वरूप है। इसके ज्ञान मात्र से ही मानव धन्य हो जाता है। वास्तविक व्यक्ति तो वही है जो इसके गुणों को अपनाता है। श्रीमद् भागवत में भगवान ने कहा कि जब मनुष्य में अहम हो जाएं वहां मेरा दर्शन नहीं हो सकता। ईश्वरीय प्रेम के बिना मानवीय जीवन का कल्याण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि धन का लालच मनुष्य को अंधा बना देता है, इससे सबसे उपर उठकर श्रीकृष्ण की कृपा पात्र बनो।

कृष्ण जन्म और नंदोत्सव पर पण्डाल में झूमे श्रृद्धालु

श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। कथावाचक आचार्य मनोज अवस्थी महाराज द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन करने के साथ आयोजन स्थल का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग गया। नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा, कृष्ण का रूप धरे नन्हीं बालिका प्रशा और बालक अथर्व, हिमांशु कटारे (आशु) वासुदेव बने। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद मानो फिर से खड़ीत में चल रही भागवत कथा पंडाल में जीवंत कर दिया। भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर से थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव कथा का आनंद लिया। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच खूब मिठाई, टाफियां, खिलौने और बधाईयां बांटी गईं।


कथा प्रसंग में कथावाचक आचार्य अवस्थी ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आए हैं। कथा के परीक्षित अवधेश कटारे आयोजक श्याम सुंदर कटारे द्वारा कराई जा रही भागवत कथा में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणजन और बाहर से आए अतिथिगण श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कर रहे हैं। कथा में आए अतिथियों का कथा वाचक द्वारा पटका डालकर सम्मान भी किया गया।