मण्डी समिति की बैठकों में की जा रही किसान प्रतिनिधियों की उपेक्षा : दीक्षित

भिण्ड, 06 मई। राज्य सरकार के सर्वे के अनुसार किसानों की पैदावार में बढ़ोतरी हुई है वहीं दूसरी तरफ भिण्ड अनाज मण्डी के अनुसार किसानों की पैदावार का ग्राफ गिर रहा है। विगत कुछ वर्ष पूर्व भिण्ड उपज मण्डी जो कभी बी ग्रेड पर हुआ करती थी वो आज मण्डी प्रशासन की घोर अनियमितता के कारण डी ग्रेड पर पहुंच चुकी है। यह बात मप्र किसान सभा जिलाध्यक्ष राजीव दीक्षित ने प्रेस को जारी व्यक्ति में कही।
दीक्षित ने बताया कि मण्डी बोर्ड भंग हो जाने के बाद मण्डी प्रशासन के द्वारा हुई मीटिगों में किसान प्रतिनिधियों को आमंत्रित ना करना मण्डी प्रशासन की घोर अनियमितता दर्शाता है। क्योंकि प्रशासन, व्यापारी, हम्माल सभी अपना पक्ष रखने को तैयार हैं, लेकिन किसानों का पक्ष रखने के लिए किसान प्रतिनिधि को नहीं रखने की। मप्र किसान सभा ने घोर निंदा की है, इसके साथ ही मांग की है कि आगे होने वाली हर बैठक में किसानों के प्रतिनिधि को आवश्यक रूप से बुलाया जाए। मण्डी में की जाने वाली 50 किलो अनाज की तोल पर व्यापारी छह रुपए किसान से काट रहा और स्वयं पांच रुपए हम्माल को दे रहा, जबकि किसान और व्यापारी के बराबर रुपय होना चाहिए। किसान नेता दीक्षित ने कहा कि अनाज मण्डी में किसान से खरीद कर रहे न व्यापारी लाईसेंस शुदा हैं ना ही पल्लेदार पंजीकृत हैं, जिसका खामियाजा बेबस किसान को भुगतना पड़ रहा है।