अल्पविराम के अभ्यास से सुधार की ओर स्वत: अग्रसर होते हैं: अर्गल

हमारी सजगता में हमारा आनंद निहित हैं : राजेन्द्र असाटी

ग्वालियर, 05 मई। आनंद विभाग मप्र राज्य आनंद संस्थान द्वारा ग्वालियर जिले के 50 आनंदकों के लिए पांच दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम राज्य आनंद संस्थान से पर्यवेक्षक मुकेश करुआ राज्य प्रशिक्षण समन्वयक के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। जिसमें मास्टर ट्रेनर फैसिलिटेटर विजय कुमार (उपमन्यु) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनंद) ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर ग्वालियर के साथ मास्टर ट्रेनर राजेन्द्र असाटी, सीमा मिश्रा, दीप्ति उपाध्याय, नीलम विश्वकर्मा भाग लिया। आनंदम सहयोगी सुनील चोपड़ा ने विभिन्न आनंद सत्रों का संचालन किया । मास्टर ट्रेनर केके बूटोलिया, अंशुमान एवं आनंदम सहयोगी भारती शाक्य, तृप्ति शर्मा द्वारा प्रदत सहयोगी भूमिका का निर्वहन किया गया।


प्रथम दिवस में आनंद सत्र ‘रिवर ऑफ लाइफ’ से प्रारंभ करते हुए मास्टर ट्रेनर राजेन्द्र असाटी ने नदी के उदगम, प्रवाह एवं समुद्र मिलन की यात्रा से जीवन प्रसंगों को जोड़कर अल्पविराम के लक्ष्य आनंद प्राप्ति को समझाया और समेकन में बताया कि सजगता के साथ जीवन को प्रेम और नि:स्वार्थता की दिशा में ले जाकर ही निहित आनंद की मंजिल प्राप्त होती है। प्रत्येक दिन शुभारंभ में प्रार्थना हुई एवं अल्पविराम में नई थीम के साथ आनंद सत्र जीवन का लेखा- जोखा, मदद, कृतज्ञता, माफी मांगने, क्षमा करने के संतुलन एवं हमारे रिश्ते, संपर्क, सुधार, दिशा, फ्रीडम ग्लास तथा मौन की शक्ति पर सत्रों का 25 से 29 अप्रैल तक संचालन किया गया। जो आनंदकों को जीवन में आनंद प्राप्त करने और जीवन में तनाव से मुक्ति का माध्यम भी बना। इस दौरान सहभागी आनंदकों को अपने अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान किए गए और विभिन्न आनंद कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
समापन अवसर पर मप्र राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल ने कहा कि अल्पविराम में हम उपदेश नहीं देते वरन् स्वयं के अनुभवों, अनुभूति को शेयर करते हैं। अल्पविराम के अभ्यास से हम अपने आचरण, व्यवहार को देखकर और उनके पीछे के कारणों को जानकर, सुधार की ओर स्वत: अग्रसर होने लगते हैं। इस अवसर पर प्रेरणा गीत के बाद सभी सहभागी आनंदकों द्वारा अपने जीवन में शांत समय के अभ्यास को अपनाने का संकल्प लिया गया।