लोगों के बीच आस्था का केन्द्र बना हरिहरेश्वर बड़ी माता मन्दिर

माता के दरवार में सुबह-शाम दर्शनार्थियों की उमड़ रही अपार भीड़

भिण्ड, 05 अप्रैल। होल्कर राजवंश के शासन काल में देवी अहिल्याबाई द्वारा आलमपुर कस्बे में अनेक मठ मन्दिरों का निर्माण कराया गया था। उन्हीं मठ मन्दिरों में से एक प्राचीन मन्दिर हरिहरेश्वर बड़ी माता मन्दिर है। जो लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। मन्दिर परिसर में मातारानी, शिवजी, हनुमानजी की अलौकिक प्रतिमाएं तो पहले से ही स्थापित है। लेकिन कस्बे के लोगों द्वारा मन्दिर परिसर में भगवान शंकर, अन्नपूर्णा, सिद्ध बाबा सहित अन्य देवी देवताओं के भव्य नवीन मन्दिरों का निर्माण कराया गया है।
आलमपुर कस्बे के लोगों में हरिहरेश्वर बड़ी माता के प्रति कितनी श्रृद्धा और विश्वास है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरिहरेश्वर बड़ी माता मन्दिर पर पूरे 12 महीने दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है और बड़ी माता मन्दिर पर वर्षभर कुछ न कुछ धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। अभी वर्तमान में नवरात्रि के अवसर पर देखा जाए तो माता के दरवार में सुबह-शाम श्रृद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। लोगों की मान्यता है कि मातारानी के दरवार में जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, मातारानी उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। आलमपुर कस्बे में स्थित प्राचीन हरिहरेश्वर बड़ी माता मन्दिर लोगों के बीच आस्था का केन्द्र बना हुआ है।

जनसहयोग से मन्दिर का जीर्णोद्धार जारी

आलमपुर कस्बे में स्थित प्राचीन हरिहरेश्वर बड़ी माता मन्दिर पर जन सहयोग से जीर्णोद्धार कराकर मन्दिर को भव्यता प्रदान कराने का कार्य निरंतर जारी है। यही नहीं, मन्दिर की सुरक्षा की दृष्टि से तार फेंसिंग कराकर मन्दिर प्रांगण में फल-फूल एवं छायादार सैकड़ों पौधे लगाए गए हैं, जो आज पेड़ का स्वरूप ले चुके हैं, जिससे मन्दिर परिसर हराभरा नजर आने लगा है। माता मन्दिर के चारों ओर लम्बे-चौड़े परिक्षेत्र में टीनशेड भी लगवाया गया है। ताकि मन्दिर पर हर मौसम में कार्यक्रम आयोजित होते रहें।