हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

सागर, 28 मार्च। अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर श्री डीपी सिंह सिवाच के न्यायालय ने लाठी से हत्या करने वाले आरोपी नंदू उर्फ कुलदीप पुत्र प्रकाश आदिवासी उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम धवई, थाना केसली, जिला सागर को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने राज्य शासन की ओर से पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी/ सहाय जिला अभियोजन अधिकारी सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि मृतक जीवन, चंदू साहू एवं लक्ष्मन 19 नवंबर 2018 को शाम करीब आठ बजे ग्राम धवई रामलीला देखने गए थे, रामलीला देखने के बाद जब करीब 12 बजे घर वापस आ रहे थे तो स्कूल के पास तुलसी की पूजा चल रही थी, जहां पर काफी महिलाएं एवं आदमी थे। तब जीवन, चंदू एवं लक्ष्मण स्कूल के पीछे लम्बरदार के खेत में बाथरूम करने गए थे। उसी समय प्रियंका आदिवासी की मां आगे उसके पीछे प्रियंका, उसके पीछे छोटू उर्फ सतीश लाठी लिए आ रहे थे, प्रियंका की मां आगे निकल गई, तब नंदू एवं छोटू बोले तुम लोग यहां क्यों खड़े हो तो फरियादी ने कहा कि बाथरूम करने आए थे। इसी पर से छोटू एवं नंदू गालियां देने लगे, मना किया तो जान से मारने की नियत से लाठी से जीवन के सिर में मारा, जिससे वह गिर गया, जब लक्ष्मन बीच बचाव करने लगा तो उसे नंदू एवं छोटू ने कई बार लाठी से मारा, चंदू साहू मौके से भाग गया। जीवन एवं फरियादी लक्ष्मन नीचे गिर गए थे, हल्ला सुनकर बहुत सारे लोग आ गए थे, तब चैकीदार गंगाराम ने 108 को फोन लगाया था, 108 गाड़ी से उन्हें केसली अस्पताल ले गए जहां से सागर रिफर कर दिया। सागर में इलाज के दौरान जीवन की मृत्यु हो जाने से थाना गोपालगंज सागर में 0/18 का मर्ग दर्ज कर असल कायमी हेतु केसली भेजा गया। 20 नवंबर 2018 को आहत लक्ष्मन के कथनों के आधार पर देहाती नालसी लेख कर थाना केसली के अपराध क्र.228/18 प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखकर छोटु एवं नंदू के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया जाकर शव परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त कर आहत लक्ष्मन का चिकित्सीय परीक्षण, साक्षियों के कथन लेखबद्ध कर अनुसंधान के पश्चात अभियोग पत्र न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री अरूंधती काकोडिय़ा के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से प्रकरण सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होने से सत्र न्यायाधीश सागर को उपार्पित किया गया। जहां से प्रकरण अंतरण द्वारा विधिवत निराकरण हेतु न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश देवरी श्री डीपी सिंह सिवाच को प्राप्त हुआ। विचारण दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी नंदू उर्फ कुलदीप को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का आदेश दिया है।