सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रमेश चंद्र लाहोटी का निधन

नई दिल्ली, 24 मार्च| सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश चंद्र लाहोटी का बुधवार की शाम को निधन हो गया। मूल रूप से गुना के रहने वाले आरसी लाहौटी ने नोएडा में आखिरी सांस ली। 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। वह रिटायरमेंट के बाद से ही नोएडा में रह रहे थे। 4-5 दिन पहले उन्हें बीमार होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। बुधवार शाम उन्होंने आखिरी सांस ली। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत गुना में वकालत के रूप में कई थी। कई वर्षों की प्रैक्टिस के बाद उन्हें जज बनाया गया, लेकिन एक साल बाद ही उन्होंने इस्तीफा देकर हाई कोर्ट में फिर से प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। उन्हें 3 मई 1988 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 4 अगस्त 1989 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। उन्हें 7 फरवरी 1994 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। दिसंबर 1998 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 1 जून 2004 को उन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI) निययक्त किया गया। वे 31 अक्टूबर 2005 तक इस पद पर रहे।
18 महीने की सेवा के पश्चात वे सेवानिवृत हुए। जनसंख्या नियंत्रण मामले में दिया गया उनका निर्णय, तथा असम में अवैध प्रवासी अधिनियम मामले में दिया गया फैसला उनके कार्यकाल के दो सबसे चर्चित और बड़े मामले रहे जो मील का पत्थर साबित हुए।
सेवानिवृति के बाद भी वे इंडियन इंटरनेशनल मॉडल यूनाइटेड नेशन (ईमून) के सलाहकार मंडल में रहकर सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। यह संस्था विश्व के 35 देशों के 220 शहरों के साढ़े सात हज़ार स्कूलों के 10 लाख विद्यार्थियों को भारतीय संसदीय कार्यप्रणाली, लोकतंत्र, समसामयिक गतिविधिधियों का पाठ पढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे थे। विगत कुछ दिन से उनका स्वास्थ्य गड़बड़ हुआ तब नोएडा स्थित एक अस्पताल के आईसीयू में वे उपचाररत थे। बुधवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।