यूक्रेन में फंसे भिण्ड के तीन छात्र, परिजनों ने बच्चों को भारत लाने की गुहार लगाई

वीडिया कॉल पर छात्र बोले- दिलासा तक देने नहीं आ रहा कोई, पल-पल बढ़ रही दहशत

भिण्ड, 26 फरवरी। एमबीबीएस की पढ़ाई करने भारत से यूक्रेन गए भिण्ड जिले के भी तीन छात्र इन दिनों यूक्रेन में फंसे हुए हैं। छात्रों ने वीडियो कॉल पर बताया कि हर घड़ी डर बढ़ता जा रहा है। जबकि यूक्रेन के प्रशासन या शासन स्तर पर किसी प्रकार की मदद के लिए आश्वस्त नहीं किया जा रहा है। इधर छात्रों के परिजनों ने भिण्ड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस से छात्रों को सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है।
यूक्रेन के ओजहोरोड सिटी में संचालित ओआरएन मेडीकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए भिण्ड जिले के ग्राम मंगदपुरा निवासी ऋषिकेश नरवरिया पुत्र रामनरेश सिंह नरवरिया ने वीडियो कॉल पर बताया कि शहर के सभी बाजार बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। उनके शहर से करीब 150 किमी दूरी पर हो रहे दिल दहला देने वाले धमाकों से हर घड़ी खतरा बढ़ रहा है। युद्ध शुरू होने के बाद से अभी तक प्रशासन या शासन स्तर पर उसे सुरक्षित भारत पहुंचाने का आश्वासन नहीं मिला है। ऋषिकेश नरवरिया ने बताया कि मेडीकल विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से इतना जरूर कहा गया था कि उसे हंगरी बॉर्डर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन बॉर्डर तक उसे कब ले जाया जाएगा यह स्पष्ट नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश नरवरिया 14 जनवरी को ही यूक्रेन पहुंचा था।

इधर यूक्रेन के कीव में फंसा भिण्ड का एमबीबीएस छात्र

जिले के गोरमी हाल हाजीनगर भिण्ड निवासी अरमान खान पुत्र भिखारी खान यूक्रेन के कीव में एमबीबीएस थर्ड ईयर का छात्र है। 18 दिसंबर 2021 को यूक्रेन पहुंचा था। अरमान खान ने बताया कि कीव पर हुए धमाके के बाद उसे चार किमी दूर एक मैदानी क्षेत्र में शिफ्ट करा दिया गया है। पैसों का ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहा है। सभी प्रकार के बाजार बंद हैं। दहशत के बीच एक-एक पल गुजर रहा है। प्रशासन की ओर से खाने, पीने तक की मदद नहीं की जा रही है। जिले का एक अन्य छात्र सागर शर्मा के पिता नवप्रकाश श्र्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका पुत्र दो वर्ष से यूक्रेन के इवेनो सिटी में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई क रहा है। छात्रों के परिजनों ने कलेक्टर से अपने बेटों को सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाने के उपरांत बताया कि सब कुछ दांव पर लगाकर बेटे को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजा है। जहां बेटा युद्ध में फंस जाने से शासन स्तर पर कोई मदद नहीं मिल पाना उसके परिवारों की घबराहट और बैचेनी को बढ़ा रहा है।

छात्रों के पास नहीं बचा राशन

यूक्रेन में फंसे छात्रों ने वीडियो कॉल पर बताया कि उनके पास महज डेढ़ से दो दिन का राशन बचा है। जबकि स्थानीय प्रशासन या शासन द्वारा राशन पहुंचाने का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। दूसरी ओर बाजार बंद होने से पैसों से भी कुछ खरीदकर खा लेने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। ऐसे में आने वाले घण्टे उनके लिए कितने संकट भरे गुजरेंगे।

इनका कहना है-

अभी तक भिण्ड जिले से तीन छात्रों के ही यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली है, जिसे हमने सरकार के साथ साझा कर मदद की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। इस संबंध में 181 पर भी सूचना किया जाना अवश्यक है।
डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर भिण्ड