पत्रकार और प्रशासन विवाद पर पत्रकार संगठन की बैठक आयोजित

भिण्ड, 22 फरवरी। मप्र प्रेस क्लब के आव्हान पर मंगलवार को पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों की अतिआवश्यक बैठक श्रीधर गोस्वामी धर्मशाला अटेर रोड पर आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता मप्र प्रेस क्लब अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने की। इसमें वरिष्ठ पदाधिकारी राकेश शर्मा, अनिल शर्मा, अनिल चौधरी, कौशल शर्मा, मनीष ऋषीश्वर, दीपक शर्मा, शैलेन्द्र मिश्रा, विश्वनाथ श्रीवास, विक्रांत सिंह परमार, सुनील कांकर, संजय शर्मा, दीपेन्द्र बौहरे, बृजेश यादव तथा अन्य कई पत्रकारों ने भाग लिया। बैठक में पत्रकारों के हितों संबंधी कई प्रस्तावों पर विचार किया गया। इसके साथ ही परीक्षाओं में जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर द्वारा अपने स्वार्थ के लिए अपनाई गई नीति के तहत प्रशासन को गुमराह करके परीक्षार्थी विरोधी आदेश जारी करवाने पर भी गहन चिंतन किया गया। प्रशासन द्वारा पत्रकार बृजेश यादव के खिलाफ धारा 188 के तहत दर्ज हुए प्रकरण पर भी विचार किया गया। इसके साथ ही भाजपा, कांग्रेस तथा अन्य जनप्रतिनिधियों जिनमें मंत्री, विधायक, पूर्वमंत्री तथा पूर्व विधायक शामिल हैं। छात्र-छात्राओं के हित में एक भी शब्द न तो कहा गया और न ही उस तुगलकी आदेश को वापिस लेने के लिए कोई बयान दिया। इस स्थिति से रूबरू होते हुए पत्रकार संगठनों ने निर्णय लिया कि चूंकि समाचार पत्रों के प्रकाशन से सीएम ने इसे संज्ञान में लेकर आदेश को माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने तुरंत करते हुए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि 15 मिनट पहले पहुंचने वाले शिक्षा मण्डल के आदेश को लागू किया जाए और किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा से वंचित न किया जाए। गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि इस विषय में जो रवैया प्रशासन ने जिला शिक्षा अधिकारी के कहने पर अपनाया उसकी निंदा की जाती है और जिला शिक्षा अधिकारी को कटघरे में खड़ा करके उसके खिलाफ कदाचरण की कार्रवाई तथा निजी स्वार्थ में लिप्त होकर छात्र विरोधी आदेश निकलवाने के लिए प्रशासन को गुमराह करने के लिए जिला प्रशासन के विरुद्ध भी मप्र शासन तथा प्रेस कांउसिल ऑफ इण्डिया को लिखा जाए, प्र्रशासन द्वारा शिक्षकों को थाने में नजरबंद करने के आदेश को तीन दिन बाद परिवर्तित करके पूर्व तारीखों में निकाले गए आदेश को भी जिला शिक्षा अधिकारी का ही षड्यंत्र बताया तथा बाद में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जो बहुत ही आपत्तिजनक है और इस तरह की कार्रवाई पत्रकारों के खिलाफ एक षडय़ंत्र ही माना जाएगा। अत: इस संबंध में भी निर्णय लिया गया कि पीडि़त पत्रकार से प्राप्त आवेदन पर विचार कर प्रकरण को प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया को भेजा जाए तथा भविष्य में भी जिला प्रशासन और कोई भी अधिकारी इस तरह के षडय़ंत्र न करे इसके लिए प्रेस क्लब अध्यक्ष संबंधितों को पत्रकारों के विरूद्ध षडय़ंत्र न करने के लिए नोटिस जारी करने के लिए अधिकृत किया गया तथा सभी पत्रकारों से भी आचार संहिता पालन करने के साथ ही अपनी-अपनी प्रमाणिकता पीआरओ को दफ्तर में देने के लिए कहा गया। यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी पत्रकार अधिकारियों की वृद्धावली पढऩे के स्थान पर पत्रकार एकता को ध्यान में रखकर हमेशा एकजुटता का प्रदर्शन करें तथा भूलवश कोई कार्रवाई कोई पत्रकार से होती है तो उसके लिए अनुशासन समिति में शिकायत दर्ज कराकर उस पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद सभी संगठन पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए प्रेस क्लब अध्यक्ष ने आभार प्रकट किया।