बालात्संग के मामलों में दो आरोपियों की जमानत खारिज

सागर, 14 फरवरी। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) रहली, जिला सागर श्री प्रमोद कुमार के न्यायालय ने बलात्संग के मामले आरोपी अंशुल पुत्र पुन्ने प्रजापति उम्र 22 साल निवासी बांसा तारखेड़ा, जिला सागर एवं दूसरे मामले में आरोपी सैयद ताहिर पुत्र सैयद मुमताज अली उम्र 35 साल निवासी महाराणा प्रताप वार्ड, गढ़ाकोटा, जिला सागर द्वारा प्रस्तुत किए गए जमानत आवेदन निरस्त कर दिए हैं। दोनों ही मामलों में जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक आशीष त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार प्रथम प्रकरण में घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 22 जनवरी 2022 को अभियोक्त्री की मां द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध थाना गढ़ाकोटा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई गई कि अभियुक्त अंशुल प्रजापति अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। उपरांत 24 जनवरी को अभियोक्त्री की मां द्वारा थाना प्रभारी गढ़ाकोटा को लिखित में आवेदन पेश किया गया कि आज अभियोक्त्री घर वापस आई गई, पूछताछ करने पर डर के मारे कुछ नहीं बता पा रही थी, फिर बाद में अभियोक्त्री ने बताया कि अभियुक्त उसे अपनी नानी के घर ले गया, जहां उसके साथ गलत काम किया, फिर उसे दमोह रेलवे स्टेशन पर छोड़ कर भाग गया। उक्त आवेदन के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी अंशुल प्रजापति का धारा 439 दंप्रसं के तहत प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त कर दिया।
वहीं दूसरे प्रकरण में घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री द्वारा इस आशय का लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया कि 29 अक्टूबर 2017 को वह अपने घर में थी, अभियुक्त ने यह कहकर बुलाया कि तुम्हारे भाई का एक्सीडेंट हो गया है। अभिक्योक्त्री के पहुंचने पर अभियुक्त ताहिर, अभियोक्त्री को उक्त मकान में खींचकर ले गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया। तत्पश्चात उसकी फोटो खींचकर सहअभियुक्त गुड्डू राय को भेज दी। उक्त आवेदन के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जहां आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी सैयद ताहिर का जमानत हेतु धारा 439 दंप्रसं के तहत प्रस्तुत आवेदन निरस्त कर दिया।