मोदी सरकार ने किसानों के साथ किया विश्वासघात : मोर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा ने जिला एवं तहसील स्तर पर सौंपे ज्ञापन

भिण्ड, 31 जनवरी। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए विश्वासघात को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर स्थानीय किसान मोर्चा ने अपर जिलाधीश फुलपगारे के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही तहसील स्तर पर भी ज्ञापन सौंपे गए।
संयुक्त किसान मोर्चा के राजीव दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि किसान फसलें उगाना भी जानता है, सरकारों को मताधिकार के द्वारा बनाना बिगडऩा भी जानता है, किसानों के साथ जो विश्वासघात करे, उसकी चुनावों में खाट खड़ी भी करना जानता है, तीन फरवरी से संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश और उत्तर उत्तराखण्ड में पर यात्राएं डोर टू डोर संपर्क कर भाजपा की मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाएगा। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ 13 महीने तक चले किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए तब जाकर मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए। एक दिसंबर को किसानों और भाजपा सरकार के प्रतिनिधियों के बीच एक लिखित समझौता हुआ। जिसमें फसलों के खरीदने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए एक कमेटी सरकार के प्रतिनिधियों किसान नेताओं कृषि वैज्ञानिकों की कमेटी बनाई जाएगी, इस पर मोदी सरकार ने अभी तक कोई कार्य नहीं किया। किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकद्दमे वापस लेने का भी सरकार ने प्रस्ताव रखा था लेकिन किसान आंदोलन खत्म होने के बाद सरकार ने किसानों पर दर्ज एक भी मुकद्दमा वापस नहीं लिया, दूसरी तरफ बिजली बिल 2021 एवं पराली कानून 2021 को वापस लेने का भी सरकार ने प्रस्ताव रखा था, लेकिन एक दिसंबर के बाद सरकार ने इन प्रस्तावों पर कोई आगे कदम नहीं उठाया जो भाजपा मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात है, किसानों के हत्यारे केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का को बर्खास्त करने की भी मांग ज्ञापन में की गई है। ज्ञापन पर देवेन्द्र सिंह चौहान एडवोकेट, राजीव दीक्षित, नरेन्द्र सिंह सेंगर, विनोद सुमन, सूरज रेखा त्रिपाठी, अनिल दौनेरिया रामचंद्र भदौरिया ने हस्ताक्षर किए।